मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बार बार पत्र लिखने के बावजूद नहीं सुन रहें प्रभारी
गाजीपुर ।
देश भर में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ समझे जाने वाली आशा कार्यकत्रियों के पिछले साल का बढा़ हुआ मानदेय देने में स्वास्थ विभाग ही लापरवाही कर रहा है। मुख्य चित्साधिकारी के बार बार निर्देश के बावज़ूद सामुदायिक प्राथमिक केन्द्र बेपरवाह है। सरकारी वेतनभोगी लोग अब इन आशा कार्यकत्री के देय प्रोत्साहन राशि रोक कर बैठा हुआ है। इसे लेकर आशा कार्यकत्रियों में रोष व्याप्त है।
हालांकि पत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ही इस लापरवाही का जिम्मेदार माना गया है और इस भुगतान को लेकर वाउचर शीघ्र भेजने का निर्देश दिया गया है। इस सन्दर्भ में कुल मिलाकर विभागीय लापरवाही ही देखने को मिल रही है जिसका शिकार आशा कार्यकर्ताओं को होना पड़ रहा है। एक तरफ प्रदेश सरकार दीपावली के अवसर पर सरकारीकर्मियों को बोनस देकर खुश करने की जुगत में है वहीं जनपद के अधिकारी इन अवैतनिक कर्मियों के प्रोत्साहन राशि पर कुड़ली मार कर बैठे रहने का मामला देख हर कोई दंग है।
चार दिन पूर्व इस भुगतान को लेकर जमानियां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी को पत्रक देकर आशा कार्यकत्री संगठन की महिलाओं ने मांग उठाई है बावजूद विभिन्न स्वास्थ केन्द्र वाउचर बनाने में हिलाहवाली कर रहे हैं।
इस सन्दर्भ में जिला आशा- संगिनी संगठन के नेता एस पी गिरी का कहना है कि इस प्रोत्साहन बकाया देय के जो विलंब हो रहा है उसमें सामुदायिक केन्द्र द्वारा हो रहा है जिला चिकित्साधिकारी द्वारा बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद विलंब का कोई कारण हो तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को चाहिए कि वह जिलाचिकित्साधिकारी को अवगत करायें न कि भुगतान में विलंब करेगें। उन्होंने बताया कि 2006 में आशा कार्यकत्री की नियुक्ति प्रेरक के रुप में हुई जबकि आज इनसे एक कर्मचारी का काम लिया जा रहा है ऎसे में इनका प्रोत्साहन राशि रोकना गैर जरुरी है।