माखन कुमार
बैरिया (पश्चिम चम्पारण):- स्थानीय अंचल के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पिपराघाट पर कोविड 19 को देखते हुए सोमवार के दिन पिपरा घाट पर हर साल की भांति इस साल भी श्रद्धालुओ ने नारायणी नदी के पावन घाट पर डुबकी लगाई और मां गंगा से अपने परिवार की कुशल कामना करते हुए धूप , फूल , पुष्प व प्रसाद चढाकर आशीर्वाद लिया।
श्रद्धालुओं ने बताया की मां गंगा का स्नान करने से जीव भवसागर से तर जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है सर्व तीर्थ महो गंगा विद्वानों ऋषि मुनियों वेद शास्त्रों का कहना है कि कलयुग में मां गंगा साक्षात तीर्थ है-‘गंग सकल मुद मंगल मूला शब्द सुख करण हरण भव सुला। दरस परास मंजन और पाना कटही पाप का है वेद पुराण’ मां गंगा के दर्शन करने से स्नान करने से मंजन करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुण, लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुनःप्राप्त होता है।
शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पुर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए।।