रविश कुमार मिश्रा
बेतिया/पश्चिम चंपारण । भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पश्चिम चम्पारण जिला मंत्री प्रभुराज नारायण राव तथा भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रान्ति ने कहा कि किसान विरोधी काले कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति राष्ट्रव्यापी आंदोलन चला रही है । इसी रोशनी में 26 नवम्बर को सफल अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन हड़ताल और 26-27 नवम्बर को 550 से ज्यादा किसान संगठनों द्वारा सफल अखिल भारतीय संघर्ष चलाया गया । जिसमें 20 करोड़ से ज्यादा मजदूरों, कर्मचारियों, किसानों और खेत मजदूरों ने भाग लिया । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 27 नवंबर को दिल्ली संसद पर किसानों के होने वाले मार्च में यह शामिल होने जा रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका जाने लगा । पंजाब एवं हरियाणा के किसानों का कारवां जो अब दिल्ली के सीमा पर आ गया है और एक ऐतिहासिक संघर्ष का रुप ले चुका है. भाजपा की केन्द्रीय सरकार और हरियाणा सरकार की पुलिस के बर्बर दमन का सामना करते हुए लाखों किसान दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु और टिकरी सीमा पर डटे हुए हैं. उनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. उन सभी किसान संगठनों की मांग है कि किसान विरोधी कारपोरेटपक्षी तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और बिजली बिल 2020 को वापस लिया जाए। किसानों के इस जनवादी एवं ऐतिहासिक संघर्ष के साथ तीव्र एकजुटता का इजहार करते हुए 2 दिसंबर को जिला कन्वेंशन एवं प्रतिरोध मार्च बेतिया में निकाला जाएगा। दिल्ली के आस पास के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान और मध्य प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा किसानों को 3 दिसम्बर तक दिल्ली पहुंचने का समन्वय समिति ने आहवान किया है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी , गृह मंत्री अमित शाह सहीत कृषि मंत्री तोमर जैसे लोग अब भी किसानों को धमकी से रहे हैं और शर्तों के आधार पर वार्ता में शामिल होने को कह रहे हैं । प्रधानमंत्री ने तो अपने को किसान हितैषी बतलाते हुए किसानों को भ्रमित करने एवं छल करने का इल्ज़ाम किसान नेताओं पर लगा रहे हैं । किसान नेताओं ने इसे गंभीरता से लेते हुए 3 दिसंबर से निर्णायक लड़ाई छेड़ने की घोषणा की है।वामदलों का कहना है कि पिछले दो महीने से किसान विरोधी काले कानून के वापसी के लिए किसान संघर्ष समन्वय समिति आंदोलन कर रहे हैं । केंद्र सरकार की हठधर्मिता के चलते आज किसान दिल्ली जाने वाली सभी रास्तों को जाम किए हुए हैं । उसपर मन की बात में प्रधानमंत्री ने किसान विरोधी तीनों कानूनों को किसान हित में बताने का असफल प्रयास कर रहे हैं। किसानों के साथ पूरी तरह एकजुटता दिखाते हुए वामदल 2 दिसंबर को जिला स्तरीय कन्वेंशन करने का निर्णय लिया है ।