15 दिसम्बर को आये हाईकोर्ट के फैसले से गदगद गणेश मिश्र ने प्रशासन और सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए एक टेलीफोन वार्ता मे बताया कि सरकार ब्राह्मण विरोधी है और हमें ब्राह्मण होने की वजह से परेशान किया जा रहा है यह बात हाईकोर्ट के फैसले ने भी साबित कर दिया कि बिना हमें मौका दिये शनिवार रात्रि 10 बजे बोर्ड का फैसला आता है और सुबह तड़के 6 बजे मकान ध्वस्त कर दिया जाता है जिसपर हाईकोर्ट ने अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि क्यों ना अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो।उन्होंने बताया कि यह लडाई न्याय ना मिलने तक अनवरत जारी रहेगी और मुझे न्यायालय पर पुरा भरोसा है और इस सरकार को ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मालूम हो कि 6 दिसम्बर को तड़के प्रॉपर्टी डीलर गणेश दत्त मिश्र के रौजा, श्रीराम कालोनी स्थित पांच मंजिला भवन को मास्टर प्लान के अनुरुप न पाये जाने के कारण जिला प्रशासन ध्वस्त कर दिया गया था जिसके बाद जनपद में यह प्रतिक्रिया होने लगी कि अब मास्टर प्लान के बगैर अनुमति के बने सभी मकान ध्वस्त किये जाय। लोग सोशल साइट पर बकायदा अभियान छेड़कर ऎसे सभी मकान को जमीनदोज़ कराने की बात करने लगे थे।