मंगलवार को कश्मीरी विस्थापितों की संस्था *कश्मीर समिति दिल्ली* के उच्चाधिकारियों से कश्मीर भवन , नई दिल्ली में कश्मीरी विस्थापितों के कश्मीर में पुनर्वास को लेकर भारतीय जन महासभा के लोगो के द्वारा मंत्रणा की गयी ।
इस मंत्रणा में भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार के अलावे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ए के जिंदल सम्मिलित हुए ।
विदित हो कि ‘कश्मीरी समिति दिल्ली’ की स्थापना सन 1958 में हुई थी लेकिन सन 1990 में भारत सरकार के द्वारा इसे कश्मीरी विस्थापितों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में डिक्लेअर किया गया ।
मन्त्रणा के पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने पत्रकारों को बताया कि कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास के मामले में कुछ विचार सामने आए हैं , जिनके अनुसार कश्मीरी हिंदुओं को कश्मीर में बसाने के पूर्व उनकी सुरक्षा की चिंता सरकार को करनी चाहिए ।
कहा कि एक समय था जब भारत के बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा केवल कश्मीर के उन लोगों के लिए रखा जाता था जिन्होंने बड़े पैमाने पर कत्लेआम किया और कश्मीरी हिंदुओं को वहां से भगा दिया ।
आज आवश्यकता है उसी प्रकार का बड़ा हिस्सा कश्मीरी हिंदुओं को वहां पुन:श्च बसाने में खर्च किया जाए ।
कहा कि पूरे राज्य को विशेष दर्जा देने के बहाने अनेक प्रकार से खुराफाती लोगों को बढ़ावा देने का काम किया गया । आज आवश्यकता है कि ऐसे लोगों पर दमनकारी नीतियां अपनाई जाए ।
इस मंत्रणा में कश्मीरी समिति दिल्ली के अध्यक्ष सुमित चरुंगू , उपाध्यक्ष संजय कौल , सचिव (रिलीफ) अशोक त्रिशल , सचिव (कार्यलय) पुष्कर नाथ सफाया उपस्थित रहे ।
अध्यक्ष समीर चरुंगु जी ने कहा कि हिंदुओं का पलायन कश्मीर से पिछले 700 वर्षों से जारी है । सन 1990 में निष्कासित करने की 7 वीं बार कार्रवाई हुई है । इस प्रकार पहले भी अनेक बार इस प्रकार की कार्रवाई हो चुकी हैं ।
कहा कि आज आवश्यकता है कि कश्मीर का एक क्षेत्र केंद्र शासित क्षेत्र के रूप में लद्दाख की तरह डिवेलप किया जा सकता है क्योंकि वहां रिलीजस वार है और इसके कारण कश्मीरी हिंदू उनके साथ रहने की स्थिति में नहीं है ।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे शहीद हुए भाइयों के स्मरण में 14 सितंबर को बलिदान दिवस मनाया जाता है । इसी प्रकार 25 दिसंबर को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कश्मीरी विस्थापितों के लोगों व बच्चों को सम्मानित किया जाता है ।
19 जनवरी होलोकास्ट डे के रूप में मनाया जाता है ।
यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी है।