Mohan Bhagwat Speech: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat ) ने गुरुवार को कहा कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते. हमें रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना है? झगड़ा क्यों बढ़ाना. भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा, ”ज्ञानवापी (Gyanvapi) का मुद्दा है. वो इतिहास हमने नहीं बनाया है. न आज के अपने आप को हिंदू कहलाने वालों ने बनाया, न आज के मुसलमानों ने बनाया. उस समय घटा. इस्लाम बाहर से आया, आक्रामकों के हाथों आया. उस आक्रमण में भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले व्यक्तियों का मनोबल तोड़ने के लिए देवस्थान तोड़े गए, हजारों हैं. ये मामले उठते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”मुसलमानों के विरूद्ध हिंदू नहीं सोचता है. आज के मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे. हमने 9 नवंबर को कह दिया कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था, जिसमें हम सम्मिलित हुए. हमने उस काम को पूरा किया. अब हमें आंदोलन नहीं करना है. लेकिन मन में मुद्दे उठते हैं. ये किसी के विरूद्ध नहीं है. मुसमानों को विरूद्ध नहीं मानना चाहिए, हिंदुओं को भी नहीं मानना चाहिए. अच्छी बात है, ऐसा कुछ है तो आपस में मिल बैठकर सहमति से कोई रास्ता निकालें. लेकिन हर बार नहीं निकल सकता तो कोर्ट जाते हैं तो जो कोर्ट फैसला देता है उसको मानना चाहिए.”
उन्होंने आगे कहा, ”रोज एक मामला निकालना ठीक नहीं है. ज्ञानवापी के बारे में श्रद्धाएं हैं, परंपराएं हैं. ठीक है…परंतु हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है…ठीक है बाहर आई है. लेकिन जिन्होंने इसे अपनाई है, वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते हैं. हमारे यहां किसी पूजा का विरोध नहीं है. सबके प्रति पवित्रता की भावना है.”