प्रकृति एवं संस्कृति को समर्पित अखिल भारतीय संगठन गंगा महासभा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गंगा महासभा, बिहार-झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार के नेतृत्व में सोमवार को पूर्वी सिंहभूम जिला की उपायुक्त से मिला।
श्री पोद्दार ने उपायुक्त महोदया से 9 जून 2022 को दिये पत्र के संदर्भ में आग्रह किया कि स्वर्णरेखा नदी में गिर रहे विभिन्न प्रकार के नालों पर STP एवं ETP प्लांट लगवाने की तत्काल आवश्यकता है।
कहा कि ये प्लांट लग जाने के बाद दूषित व रासायनिक जल को शोधित कर नदी में नहीं डाल कर जमीन में ही गड्ढा कर डालना उचित होगा। जो मिट्टी के अंदर शोधित होकर भूगर्भ जलस्तर को सही बना सकेगा।
नदी की तली में भी वह जल स्वत: चला जाएगा।
कहा कि स्वर्णरेखा नदी पर जो टाटा कंपनी का पावर हाउस बना हुआ है उसके द्वारा नदी का अधिकांश जल कारखाना के लिए दोहन किया जाता है और इस प्रकार मनुष्य जाति के साथ-साथ पशु पक्षियों का भी शोषण होता है।
श्री पोद्दार ने मांग की है कि चांडिल डैम से पर्याप्त मात्रा में जल छोड़ा जाए और टाटा कंपनी को जितना जल लेने की अनुमति दी गई है, वह केवल उतना ही जल ले। यह भी कहा कि टाटा कंपनी के पावर हाउस के बाद जो थोड़ा बहुत जल आगे बढ़ता है, वह रास्ते में ही सिमट कर रह जाता है। मानगो पुल के पास नदी की स्थिति नाले से भी बदतर हो गई है। वहां जल तो है ही नहीं, गंदे नालों का पानी जो आता है वह भी वहां ठहर सा गया है। पानी में कोई हलचल नहीं देखी जा रही है। इस प्रकार नदी समाप्त होने के कगार पर है। इस को बचाए जाने की आवश्यकता है।
मांग की कि टाटा कंपनी को आवश्यक निर्देश दिया जाए और जांच की जाए कि कितना जल उनको लेना है। बाकी का जल नदी में आगे बढ़ना चाहिए जिससे आगे भी मनुष्य जाति एवं पशु-पक्षियों को जल मिल सके। कहा कि इस प्रकार नदी को भी बचाया जा सकेगा।
उपायुक्त महोदया ने बताया कि वह नोट कर रही है और बजट में इस प्रकार के प्लांट लगाने के लिए प्रावधान निश्चित तौर पर किया जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल ने श्री पोद्दार के अलावे सतीश गुप्ता एवं शिवात्मा तिवारी सम्मिलित थे।