गाजीपुर( 06 अगस्त)। पी.जी.कालेज गाजीपुर के पूर्व उपाध्यक्ष आशुतोष मिश्रा को छात्र राजनीति के दौरान हुए मुकदमे में आज सी.जे.एम ने जमानत मंजूर कर ली।
मालूम हो कि जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी तो छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दिया था, जब वही 2012 में समाजवादी पार्टी की बनी तो छात्र संघ चुनाव पर से लगे रोक को हटा लिया गया और प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल कर दिया गया छात्र संघ चुनाव बहाल होते ही छात्र नेता में उर्जा का संचार हो गया तब फिर छात्र संघ चुनाव लड़ाने वाले छात्र नेता छात्रों की समस्या को लेकर मुखर होने लगे चला जाम करना जिन्दाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाना आम बात हो गई इसी क्रम छात्रों की समस्या को लेकर सितंबर 2012 में तत्कालीन छात्र नेता आशुतोष मिश्रा व राधेश्याम कुशवाहा के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र पी.जी.कालेज से नारेबाजी करते हुए विकास भवन में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चल रही जिला योजना की बैठक में पहुंच नारेबाजी करने लगे तभी वहां मौजूद अपर जिलाधिकारी आर.के.गुप्ता ने छात्र को कड़े लहज़े में समझा देने की बात कही इतनी बात सुन छात्र नेता आग बबूला हो गये और विकास भवन के मुख्य दरवाजे का शीशा सही तोड़ दिया और विकास भवन में तांडव मचा दिया तब जिला प्रशासन ने छ लोगों को नामजद व सौकडो छात्रों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया लेकिन एक तत्कालीन मंत्री के दबाव में मामले को दबा दिया गया चार्जसीट दाखिल करने में भी प्रशासन को मस्कत करना पड़ा आज उसी मामले में छात्र नेता के अधिवक्ता विनोद दूबे ने बताया कि श्री मिश्रा की जमानत मंजूर हो गई है।
संघर्ष का ही नतीजा रहा कि राधेश्याम कुशवाहा छात्र संघ अध्यक्ष चूने गये व अगले सत्र में आशुतोष मिश्रा उपाध्यक्ष चूने गये,