वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में बहुचर्चित पुस्तक “इनसे हैं हम” पर शिक्षाविदों द्वारा परिचर्चा आयोजित की गई। इक्यावन पूर्वजों के प्रेरणादायक चरित्र पर इक्यावन लेखकों द्वारा लिखित यह पुस्तक डॉ अवधेश कुमार अवध द्वारा संपादित है। प्रेरणा स्रोत राजेन्द्र अग्रवाल, प्रबंध संपादक धर्म चन्द्र पोद्दार, सह संपादक नितू सिंह एवं अवनीत कौर दीपाली द्वारा पुस्तक का द्वितीय संस्करण भी सुसज्जित है।
मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के निदेशक विज्ञान संस्थान प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी, मंचासीन रानी लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति प्रो. दिलीप कुमार दुरैया, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. और सुविख्यात समीक्षक डॉ. प्रभाकर सिंह, अजय कुमार सिंह, मंच संचालक डॉ बिनोद कुमार सिंह थे। कार्यक्रम संयोजन का दायित्व विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक डॉ अभिमन्यु सिंह ने निभाया। प्रो. प्रभाकर सिंह ने इनसे हैं हम की न्यायिक समीक्षा और वर्तमान संदर्भ में उपादेयता पर विश्लेषणात्मक प्रकाश डाला। हरिश्चन्द्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय से डॉ संजय सिंह, लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय दीनदयाल नगर से डॉ मनोज पाण्डेय, और काशी हिंदू विश्वविद्यालय से डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ अखिल मलहोत्रा, डॉ सुषमा झिंगियाल, डॉ कृष्ण कुमार यादव, डॉ शारदा सिंह, डॉ शैलेन्द्र कुमार, डॉ सुभाष चन्द्रा, डॉ अभिषेक वर्मा, और डॉ विद्यासागर सिंह सहित सैकड़ों छात्र/छात्राएँ भी थीं।
इस अवसर पर लेखक के रूप में अजय कुमार सिंह, डॉ बिनोद कुमार सिंह, अमरनाथ अग्रवाल, डॉ नसीमा निशा, डॉ वत्सला और आर्येन्दु रघुवंशी शामिल थे। वाराणसी के साहित्यकार आलोक सिंह, बीना राय, परमहंस तिवारी, महेन्द्र अलंकार, दीपक सिंह, ओम प्रकाश चंचल, एखलाक भारतीय, करुणा सिंह, मणिबेन द्विवेदी, डॉ सुभाष चन्द्र, डॉ शारदा, झरना मुखर्जी, डॉ प्रियंका तिवारी, शमीम गाजीपुरी, के साथ शिवम चौबे भी उपस्थित रहे। लाइव कार्यक्रम ने दूर बैठे लोगों को भी इनसे हैं हम से जोड़ रखा।