भारतीय जन महासभा का दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कानून और न्याय मंत्री श्री किरण रिजिजू जी से मिलने के लिए पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने किया और उनके साथ महासचिव डॉ प्रतिभा गर्ग थी।
माननीय मंत्री श्री किरण रिजीजू जी के दिल्ली से बाहर होने के कारण और किसी सक्षम पदाधिकारी ने ज्ञापन और पुस्तक *इनसे है हम* लेने से इनकार किया। हमने रिसेप्शन से इंटरकॉम पर बात की थी। हमें कहा गया कि आपको जो भी देना है, C R Section में रिसीविंग क्लर्क को दे दीजिए।
यह मंत्रालय के बाहर गेट के पास छोटा सा कार्यालय है, वहां हमने ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में हमने मांग रखी है कि ऐसा कड़ा कानून बनवाएं कि रेप एवं हत्या मामलों में सभी लिप्त लोगों को 30 दिनों के अंदर निश्चित रूप से फांसी दी जा सके।
नई दिल्ली प्रवास में हमें यह देखने को मिला है कि अंग्रेजों के जाने के पश्चात भारत में जिसकी भी सरकार रही है, लेकिन पदाधिकारी अपने आप को काले अंग्रेज समझते हैं और मिलने आने वालों का सम्मान नहीं करते हैं। उनको ब्लडी इंडियन्स समझते हैं। यह भारत के भविष्य के लिए अत्यंत ही दु:खद स्थिति है। यह सही संकेत को नहीं दर्शाता है।