दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार
कवियों की वाणी से गूंजे मां भारती के वीर सपूत अशोक चक्र विजेताओं के नाम
“अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था” ने अशोक चक्र काव्योत्सव से रचा नया इतिहास
गाजियाबाद की प्रसिद्ध कवियत्री गार्गी कौशिक ने मान बहादुर राय पर पढ़े दोहे
गाजियाबाद, “अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था” गाजियाबाद के द्वारा मां भारती के वीर सपूतों के सम्मान में आयोजित अशोक चक्र काव्योत्सव ने सफलता की पुनः एक बहुत बड़ी लकीर खींच दी है।
हिन्दी साहित्य के इतिहास में यह पहला अवसर है जब अशोक चक्र विजेताओं पर देश विदेश के 201 रचनाकारों ने ऑनलाइन फेसबुक लाइव के माध्यम से अपने सृजित दोहों का काव्यपाठ किया हो।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय तथा महासचिव ओंकार त्रिपाठी के निर्देशन में सम्पन्न इस अनूठे आयोजन में देश के सभी अशोक चक्र विजेताओं पर देश विदेश के 201 कवियों की वाणी से उनकी त्याग साधना का वर्णन अपने एक अनूठे काव्य पाठ में किया गया।
सबसे खास बात यह रही कि इस काव्य आयोजन में केवल दोहा छंद के माध्यम उनकी गौरव गाथा का गुणगान किया गया, जो कि एक नया सफल प्रयोग है।
संस्था के कर्मठ पदाधिकारियों के हाथ में संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई। कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय भारतीय, संगठन मंत्री ब्रज माहिर, मंत्री रजनीश स्वछन्द ,महिला इकाई अध्यक्ष कुसुमलता कुसुम, महिला इकाई महामंत्री गार्गी कौशिक, अमेरिका इकाई अध्यक्ष डॉ श्वेता सिन्हा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह श्रेयस, महाराष्ट्र इकाई अध्यक्ष डॉ रोशनी किरण के सराहनीय सहयोग से कार्यक्रम को अपार सफलता मिली।
इस अवसर पर – गाज़ियाद से गार्गी कौशिक ने दिए गए विषय मान बहादुर राय पर अपने दोहे पढ़े तो तालियाँ गूंजने लगी।
अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के इस आयोजन का भव्य शुभारम्भ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ छत्तीसगढ़ के सक्ती जिला के संगीत विद्यालय श्याम संगीत संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष श्याम कुमार चंद्रा के निर्देशन में तबला पर बद्री प्रसाद गबेल, प्रियल चंद्रा, बाँसुरी पर दुखु सिंह सिदार सहयोगी रामेश्वरी साहू, सूर्या देवी चंद्रा, मंजीरा पर शंकर प्रसाद साहू, हारमोनियम स्वयं निर्देशक जी ने संभाला।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव पाण्डेय ने बताया कि 201 कवियों को आठ समूहों में बांटा गया जिनका काव्य पाठ संस्था के फेसबुक पेज और समूह पर ऑनलाइन सफलता पूर्वक करवाया गया।
इस कार्यक्रम में अमेरिका, जापान, यूएई, इंडोनेशिया आदि देशों सहित भारत के लगभग सभी राज्यों से कवियों ने सहभगिता की। कार्यक्रम के समापन पर संस्था के महासचिव ओंकार त्रिपाठी ने सभी सहभागी दोहाकारों का आभार प्रकट किया।