वैशाख शुक्ल सप्तमी (वृहस्पतिवार) संवत २०८० को गंगा महासभा, बिहार झारखंड की एक बैठक डॉ हरि बल्लभ सिंह आरसी जी की अध्यक्षता में डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान, बिष्टुपुर जमशेदपुर में हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए गंगा महासभा, बिहार-झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन ही ब्रह्मा जी के कमंडल से श्री गंगा जी अवतरित हुई। इसलिए इस दिन को श्री गंगा सप्तमी कहा जाता है।
श्री गंगा सप्तमी के दिन गंगा एवं अन्य नदियों में स्नान एवं दान आदि करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे डॉ हरि बल्लभ सिंह आरसी जी ने कहा कि आज विभिन्न नदियों की स्थिति ऐसी हो गयी है कि उनमें स्नान करना तो दूर आचमन करने में भी डर लगता है। विभिन्न नालों के द्वारा घरों की गंदगी के साथ-साथ कारखानों से केमिकल युक्त अवशेष नदियों में गिर रहे हैं, जिसे रोके जाने की आवश्यकता है। इस प्रकार हिंदू धर्म में अपनी मान्यताओं के अनुसार नदियों में पवित्र दिनों पर स्नान करने की परंपरा एवं धार्मिक आस्थाएं समाप्त होने को है। इस पर सरकारों को संज्ञान लेना चाहिए।
बैठक में श्री पोद्दार के अलावे डॉ हरि बल्लभ सिंह आरसी, डॉ अंगद तिवारी, डी. एन. सिंह, सतीश गुप्ता, राजवीर सिंह, पुनीत शर्मा एवं जीतेन्द्र कुमार सम्मिलित थे।