आजमगढ़। राज नारायन सिंह एडवोकेट हत्याकांड के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने पूर्व मंत्री अंगद यादव समेत चार आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने इसी मुकदमे से जुड़े गैंगस्टर के मुकदमे में भी चारों आरोपियों को सात सात वर्ष का कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सिधारी थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के समीप ओवर ब्रिज के नीचे 19 दिसंबर 2015 की सुबह लगभग छ बजे कमिश्नरी में प्रैक्टिस करने वाले कोमल कालोनी निवासी अधिवक्ता राज नारायन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में मृतक राजनरायन सिंह की पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री अंगद यादव तथा कुछ अन्य के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि अंगद यादव की पुत्री का विवाह राज नारायन सिंह ने अपने परिचित के घर में कराया था।इस विवाह में विवाद होने के बाद अंगद यादव, राज नारायन सिंह से नाराजगी रखने लगे। इसी दुश्मनी के कारण 19 दिसंबर 2015 को राज नारायन सिंह की हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने अंगद यादव,शैलेश यादव , सुनील सिंह तथा अरुण यादव के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने कुल 18 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अंगद यादव, सुनील सिंह, अरुण यादव तथा शैलेश यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।