विश्व पुस्तक मेले के शुभारंभ के प्रथम दिन अर्पित मिश्रा बने प्रथम वक्ता, अर्पित मिश्रा ने आधुनिक युग की रचनाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए।
अर्पित मिश्रा ने कहा आधुनिक तकनीकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निश्चित रूप से लेखकों,कवियों के लिए एक सहायक की भूमिका तो निभा सकता है परंतु उनका प्रतिबिंब नहीं बन सकता।
उन्होंने बताया कि विशेष कर कविताओं के समायोजन के लिए लेखक को विषय का ज्ञान होने के साथ-साथ यदि किसी व्यक्ति अथवा स्थिति से तुलना कर रहे हैं तो उसका भी पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है तत्पश्चात ही अच्छी ज्ञानवर्धक कविताओं का सृजन संभव हो सकता है और यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संभव नहीं इसके लिए व्यक्ति को स्वाध्याय की आवश्यकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेखन की त्रुटियों को जचने में मदद कर सकता है लेख को संग्रह करने में मदद कर सकता है परंतु लेखक की वैचारिक स्वतंत्रता को कभी नहीं प्राप्त कर सकता।
विश्व पुस्तक मेले में अर्पित मिश्रा ने पाठकों को अपने हस्ताक्षर करके काव्यांजलि प्रधान की।