Friday, November 22, 2024
spot_img
HomebharatChhattisgarhआस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के साथ ही पिपली के जुगलबंदी बनेगी...

आस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के साथ ही पिपली के जुगलबंदी बनेगी बस्तर के किसानों के लिए गेम-चेंजर

देश के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से आई खुशखबरी

देश के किसानों को कोंडागांव की एक और सौगात

“मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर” ने विकसित की पिपली की नई प्रजाति मां दंतेश्वरी पीपली (एमडीपी-16)

कम सिंचाई और विपरीत परिस्थितियों में भी भरपूर उत्पादन देती है एमडीपी-16

कोंडागांव की पीपली आकार में तथा उत्पादन में ही नहीं, परीक्षणों से पता चला कि यह गुणवत्ता में भी है बेहतर,

एक बार लगाकर सालों-साल तक हर साल प्रति एकड़ बिना लागत, बिना विशेष जहमत एक लाख रुपए तक का फायदा, जमीन के स्वास्थ्य के लिए भी यह है अत्यंत फायदेमंद

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव से देश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। यहां केवल केरल की फसल माने जाने वाली बहुमूल्य हर्बल पिपली खेती में सफलता मिली है। और यह कारनामा कर दिखाया है, नित नए सफल कृषि नवाचारों के लिए देश विदेश जाने जाने वाले कोंडागांव बस्तर छत्तीसगढ़ के किसान डॉ राजाराम त्रिपाठी के नेतृत्व में उनकी मां दंतेश्वरी हर्बल समूह की टीम ने।
पिपली जमीन पर ही फैलने वाली बहुवर्षीय लतावर्गीय बहुउपयोगी वनौषधि है। इसके फलों को सुखा कर उपयोग किया जाता है, जिसे पिपली,पिप्पली अथवा लेंडी पीपल के नाम से भी जाना जाता है। इसके पत्ते भी काली मिर्च तथा पीपल की तरह ही दिखाई देते हैं, पर आकार में छोटे होते हैं।
मुख्य रूप से इसे अब तक केरल तथा उत्तर पूर्वी राज्यों के कुछ क्षेत्रों में ही उगाया जाता रहा है। माना जाता था कि अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती हो ही नहीं सकती। इसी मान्यता के कारण इसे केरल से कोंडागांव आने में हजारों साल लग गए।
इससे सैकड़ों तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां हजारों साल से बनती रही हैं। यह बैक्टीरियारोधी तो है ही तथा हाल के ही शोध में यह पाया गया कि इसमें पिपरलीन पाया जाता है जो कि मलेरिया रोधी भी है‌ (डां पीसी दास)। जबकि श्री ए०के० भार्गव तथा श्री एस०सी० चौहान ने इसमें बैक्टीरिया रोधी गुण पाए हैं । यह पेट की बीमारियों, फेफड़ों की बीमारियों सहित कई रोगों में की रामबाण औषधि मानी जाती है।इसके कई औद्योगिक उपयोग भी हैं। बीयर बनाने में इसका महत्व पूर्ण उपयोग होता है। इसकी विशेष रोगप्रतिरोधक क्षमता को देखते हुए कोरोना के बाद इसकी मांग भी बहुत बढ़ गई है।
कोंडागांव के मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर में पिछले कई वर्षों के शोध के बाद इसकी नई प्रजाति का विशुद्ध जैविक परंपरागत पद्धति से विकास किया है। इसे “मां दंतेश्वरी पीपली -16” ( एमडीपी 16) का नाम दिया गया है। कोंडागांव में इस प्रजाति के फलों का आकार भी बेहतर है,तथा यहां उगाई गई पिपली के प्रयोगशाला परीक्षण से पता चला है कि कोंडागांव की पिपली की गुणवत्ता भी परंपरागत पीपली से काफी अच्छी है। यह प्रजाति कम सिंचाई अथवा बिना सिंचाई वाले क्षेत्र में भी सही वृक्षारोपण के साथ, बिना किसी विशेष देखभाल के, बड़े आराम से अच्छा उत्पादन देती है। इसकी खेती जमीन को धूप से बचाती है जिसके कारण केंचुए तथा उपयोगी सूक्ष्म जीवों की मात्रा में 300% तक वृद्धि होती है। इस तरह या जमीन के स्वास्थ्य को को भी उत्तम बना देती है। इसे जानवर भी नहीं खाते तथा इस पर कीड़े मकोड़ों का प्रकोप भी प्रायः नहीं होता है। अपने नए-नए नवाचारों के लिए जाने जाने वाली बस्तर के किसानों की इस संस्था ने आस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च तथा ड्रैगन फ्रूट की सफल व्यावसायिक खेती तथा उनकी और बेहतर नई प्रजातियों की विकास के बाद अब देश के किसानों को पिपली की विपरीत परिस्थितियों में भी ज्यादा फायदा देने वाली नई व बेहतर प्रजाति भेंट की है। “मां दंतेश्वरी पीपली -16” ( एमडीपी 16) को छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों के साथ ही सीमावर्ती राज्यों जैसे उड़ीसा, झारखंड, आंध्र प्रदेश ,तेलगाना तथा महाराष्ट्र के भी कई क्षेत्रों में सफलता पूर्वक उगाया जा सकता है। वृक्षारोपण के साथ कि पेड़ों की छाया में इसे उगाकर किसान अच्छी खासी अतिरिक्त आमदनी ले सकते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह भी है कि इसे एक बार लगाने के बाद इसकी खेती में कोई अतिरिक्त विशेष लागत और मेहनत नहीं है। इसे एक बार लगाने के बाद, इससे कई वर्षों तक उत्पादन किया जा सकता है,। मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर द्वारा अपने ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के वृक्षारोपण के बीच ही छायादार खाली जगह में इसकी सफल खेती की जा रही है। अन्य सघन वृक्षारोपण के बीच बीच की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है वर्तमान में 1 एकड़ में लगभग 480 500 किलो सूखी पिपली प्राप्त होती है। बाजार में इसका मूल्य लगभग ₹200 किलो होता है जिससे किसान को ठीक-ठाक उत्पादन होने पर लगभग सालाना प्रति एकड़ ₹ एक लाख रुपए तक बिना कुछ खर्च किये अतिरिक्त कमाई प्राप्त हो जाती है। विपरीत परिस्थितियों में भी किसान 1 एकड़ में कम से कम ₹50 हजार की कमाई तो कर ही सकता है। पिपली के फलों के अलावा इस पौधे की जड़ें भी कई तरह की महत्वपूर्ण दवाइयां बनाने के काम आती है इसे पीपला मूल कहा जाता है। यह पीपला-मूल डेढ़ सौ से ₹ दो सौ प्रति किलो की दर से बाजार में बिक जाती हैं, तो इसे ही तो कहते हैं आम के आम गुठलियों के दाम।
इसे इसकी परिपक्व चयनित कलम से लगाया जाता है। एक बार पौधा लगाने पर दोबारा पौधा अथवा बीच खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके अच्छे उत्पादन हेतु उपयुक्त जलवायु बनाने में ऑस्ट्रेलियन टीक का छायादार प्लांटेशन बहुत उपयोगी होता है।

डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि इसके विकास में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों विशेषकर डॉक्टर दीपक शर्मा तथा अन्य कृषि विकास केंद्र के वैज्ञानिकों, स्थानीय कृषि तथा उद्यानिकी के अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन का सदैव सहयोग तथा बहुमूल्य मार्गदर्शन मिलता रहा है।

इस प्रोजेक्ट में अनुराग त्रिपाठी, जसमति नेताम, बलई चक्रवर्ती, कृष्णा नेताम शंकर नाग, गणेश पंडा कृष्ण कुमार पटेरिया,संजय कोराम , घनश्याम नाग, सोमन आदि का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म तथा रिसर्च सेंटर के मार्गदर्शन में, स्थानीय जनजातीय महिलाओं द्वारा संचालित मां दंतेश्वरी हर्बल नर्सरी समूह के द्वारा इसके उन्नत प्रजाति के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, दिनेश सबसे पहले बस्तर के किसानों को लगाने हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। बस्तर में काली मिर्च की खेती की जबरदस्त सफलता को देखते हुए आस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च के साथ ही पिपली की इस नई जुगलबंदी को बस्तर के किसानों की आर्थिक विकास में एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

kuwin

iplwin

my 11 circle

betway

jeetbuzz

satta king 786

betvisa

winbuzz

dafabet

rummy nabob 777

rummy deity

yono rummy

shbet

kubet

winbuzz app

daman games online

winbuzz app

betvisa app

betvisa app

betvisa app

fun88 app

10cric app

melbet app

dafabet login

betvisa login ipl win app iplwin app betvisa app crickex login dafabet bc game gullybet app https://dominame.cl/ iplwin

dream11

10cric

fun88

1win

indibet

bc game

rummy

rs7sports

rummy circle

paripesa

mostbet

my11circle

raja567

crazy time live stats

crazy time live stats

dafabet

https://rummysatta1.in/

https://rummyjoy1.in/

https://rummymate1.in/

https://rummynabob1.in/

https://rummymodern1.in/

https://rummygold1.com/

https://rummyola1.in/

https://rummyeast1.in/

https://holyrummy1.org/

https://rummydeity1.in/

https://rummytour1.in/

https://rummywealth1.in/

https://yonorummy1.in/

jeetbuzz login

iplwin login

yono rummy apk

rummy deity apk

all rummy app

betvisa login

lotus365 login

betvisa app

https://yonorummy54.in/

https://rummyglee54.in/

https://rummyperfect54.in/

https://rummynabob54.in/

https://rummymodern54.in/

https://rummywealth54.in/

betvisa app

mostplay app

4rabet app

leonbet app

pin up casino

mostbet app

rummy glee

Fastwin Apk

Betvisa app

Babu88 app

jeetwin

nagad88

jaya9

joya 9

khela88

babu88

babu888

mostplay

marvelbet

baji999

abbabet

Joya9

Mostbet BD

MCW Casino

Jeetwin Result

Babu88 ক্যাসিনো

Nagad88 লগইন করুন

Betvisa লগইন করুন

Marvelbet লগইন

Baji999 লগইন করুন

Jeetbuzz লগইন

Mostplay Affiliate

JW7

Melbet App

Betjili Affiliate

Six6s লগইন

Krikya Best

Jitabet App

Glory Casino APK

Betjee Affiliate

Jita Ace Casino

Crickex Affiliate

Winbdt Login

PBC88 Login

R777 Bet

Jitawin Login

Khela88 Login

Bhaggo Login