गाजीपुर। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी और बहुप्रचारित योजना का पलीता कैसे लगता है,इसको इस योजना के क्रियान्वयन से समझा जा सकता है। इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को है। स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मियों से लिस्ट को गांव तक पहुंचाता है। कर्मी लिस्ट के अनुसार प्रत्येक से मिलकर यह बताता है कि पंचायत सहायक से अपना आयुष्मान कार्ड बनवा लें। समस्या यहीं शुरू होती है। अब पंचायत सहायक के पास पहुंचने पर पता चलता है कि सर्वर डाउन है,सर्वर सही है तो मोबाइल नम्बर मैच नहीं कर रहा है, अंगुठा मैच नहीं कर रहा है, पंचायत सहायक किसी अन्य सरकारी कार्य में व्यस्त हैं। इसके अलावा जिन कर्मी को यह कार्य सौंपा गया है उसके पास भी इस कार्य के अलावा भी कई कार्य होता है।यही नहीं एक दो बार लाभार्थी वापस लौट जाता है तो फिर आने में आनाकानी करता है। आयुष्मान के लाभार्थी की लिस्ट देखने पर भी कई खामी नजर आती है।
मालूम हो कि इस योजना से गरीब और कम आय वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं से आछादित करने के उद्देश्य से सरकार कृत-संकल्पित है।बावजूद क़ियान्वयन के तरीके से इस योजना का हश्र भी अन्य योजनाओं की तरह हो जाएगा।