25 दिसंबर (रविवार) को भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती अंतर्राष्ट्रीय संगठन भारतीय जन महासभा के देश-विदेश के अनेक स्थानों पर मनाई गई।
हिंदू पीठ, जमशेदपुर में संपन्न हुए इस जयंती समारोह में संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि 25 दिसंबर 1861 को जन्मे पं. मदन मोहन मालवीय जी ने गंगा जी की रक्षा के लिए गंगा महासभा की स्थापना सन 1905 में की थी। सन 1914 एवं बाद में सन 1916 में अंग्रेजों के साथ गंगा जी के मुद्दे पर एक समझौता भी किया था।
साथ ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की 4 फरवरी 1916 को स्थापना की थी। मरणोपरांत उन्हें अभी हाल के समय में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
महामना की जयंती मनाने वालों में श्री पोद्दार के अलावे प्रकाश मेहता, अरविंद बरनवाल, अमित कुमार सिंह, विजय अग्रवाल, अश्विनी कुमार, अभिनव कुमार, अर्णव कुमार,.अर्चना बरनवाल, पिंकी देवी, किरण कुमारी के नाम मुख्य रूप से सम्मिलित हैं।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अर्चना बरनवाल ने किया।
पोद्दार ने बताया कि महामना की जयंती के शुभ दिन कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए *राष्ट्र गौरव सम्मान-2022* चार लोगों को प्रदान किया गया। जिनके नाम श्रीमती किरण कुमारी ‘वर्तनी’ (जमशेदपुर), सुश्री मुस्कान जालान (कोलकाता), श्रीमती मेघा अग्रवाल (बाराबंकी) एवं सुश्री स्माही विजय (सिंगापुर) हैं।
देश एवं विदेश के विभिन्न स्थानों में महामना की जयंती मनाई गई उनमें प्रमुख रूप से *सिंगापुर* , जमशेदपुर, नई दिल्ली, मेरठ, गमहरिया, दरभंगा, कोलकाता, रांची, नागपुर, जयपुर, सरगुजा (छतीसगढ़) आदि स्थानों के नाम सम्मिलित है।
देश-विदेश के कई स्थानों में जयंती मनाने वालों में डॉ प्रतिभा गर्ग, बिदेह नंदिनी चौधरी, ए. के. जिंदल, अनुसूया अग्रवाल, सुखेन मुखोपाध्याय, मेघाश्री मुखोपाध्याय, जयशंकर मिश्र, रविकांत झा, कुमार अनुराग, अशोक गोइन्का, लक्ष्मी गुसाईं, अरुण अग्रवाल, ओम प्रकाश अग्रवाल, अंशु वैष्णव, नीलम सिंह, अनिता मंदिलवार सपना, आरती श्रीवास्तव, सबिता ठाकुर दीप, मीना चौधरी आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित थे।
इसके अलावा भारतीय जन महासभा के द्वारा आज एक अंतर्राष्ट्रीय गूगल मीटिंग का भी आयोजन किया गया। इस मीटिंग में देश-विदेश के अनेक स्थानों के भारी संख्या में लोग उपस्थित थे। मीटिंग को ज्ञानवापी मामले के वाराणसी जिला अदालत के एडवोकेट मदन मोहन यादव जी के द्वारा तंत्र शास्त्र पर आधारित काशी का स्थापत्य एवं संरचना एवं हलाला टैक्स पर विस्तृत जानकारी दी गई।