पटना. बिहार की राजनीति हो या फिर सरकार दोनों जातिगत समीकरणों के इर्द-गिर्द ही घूमती है. इसकी झलक मंगलवार को बिहार में होने वाले मंत्रिमंडल में भी दिखी।बिहार में 84 दिन पुरानी नीतीश कुमार की सरकार का मंगलवार को पहला विस्तार हुआ। इस विस्तार में बीजीपे से 9 जबकि जेडीयू से 8 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।बीजेपी हो या जेडीयू दोनों ने मंत्रिमंडल में समाज के सभी वर्गों को शामिल करने की कोशिश की है हालांकि भूमिहारों के हाथ खाली ही रह गये। खास बात यह है कि दोनों दलों यानी बीजेपी और जेडीयू ने अपने कोटे से एक-एक मुस्लिम चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। नाम- क्षेत्र और जाति के बारे में…
- शाहनवाज हुसैन (एमएलसी ) मुस्लिम
- सम्राट चौधरी ( एमएलसी) कुशवाहा
- सुभाष सिंह ( विधायक – गोपालगंज) राजपूत
- आलोक रंजन ( विधायक — सहरसा) ब्राम्हण
- प्रमोद कुमार ( विधायक- मोतिहारी) वैश्य
- जनक चमार — (बनेगें एमएलसी) महादलित
- नारायण प्रसाद (विधायक-नौतन) वैश्य
- नितिन नवीन ( विधायक बांकीपुर) कायस्थ
- नीरज सिंह बबलू (विधायक –छतापुर) राजपूत
जेडीयू के मंत्रियों के नाम - श्रवण कुमार विधायक -( विधायक नालंदा) कुर्मी
- लेसी सिंह (विधायक-धमदाहा) राजपूत
- संजय झा (एमएलसी) ब्राम्हण
- जमा खान विधायक – ( बीएसपी का एक मात्र विधायक,जो जेडीयू में आ गए है ) मुस्लिम
- सुमित कुमार सिंह (एक मात्र निर्दलीय विधायक जमुई) राजपूत
- जयंत राज (विधायक-अमरपुर) कुशवाहा
- सुनील कुमार (विधायक-भोरे) दलित
- मदन सहनी (विधायक-बहादुरगंज) मलल्लाह