लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भी अब पदोन्नत होकर राजकीय इंटर कालेजों (जीआईसी) के प्रधानाचार्य बन सकते हैं। इसके लिए शासन से नियमावली तैयार कर दी गई है। उसे स्वीकृति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।जीआईसी में प्रधानाचार्य का पद राजपत्रित होता है। इसके 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाते हैं। प्रधानाचार्यों की भर्ती पीसीएस के साथ होती है और ग्रेड पे- 5400 का होता है। इसके अलावा 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का नियम है, लेकिन पिछले एक दशक से यह विवादित है, इसलिए पदोन्नति प्रक्रिया ठप है।कई प्रवक्ता प्रधानाचार्य बनने का इंतजार करते-करते रिटायर हो गए। इन पदों को 61 प्रतिशत पुरुष और 22 प्रतिशत महिला जीआईसी प्रवक्ता से और 17 प्रतिशत डीआई की पदोन्नति से भरने का नियम है। डीआई का पद खत्म हो चुका है। बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात एसडीआई ही डीआई बनते थे। एसडीआई का पद खत्म करके बीईओ पद बनाया गया। बीईओ बनने वालों ने डीआई की तरह की पदोन्नति से जीआईसी का प्रिंसिपल बनने की मांग की थी। इसका मामला कई वर्ष से शासन लंबित था। बीईओ को पदोन्नति से प्रधानाचार्य बनाने लिए शासन में कई दाैर की बैठक हुई। इसके बाद पदोन्नति के लिए कोटा में बदलाव कर दिया गया है। अब 33 प्रतिशत पुरुष, 33 प्रतिशत महिला प्रवक्ता और 34 प्रतिशत बीईओ पदोन्नत होकर प्रधानाचार्य बन सकेंगे। अपर निदेशक राजकीय अजय द्विवेदी ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में महिला प्रवक्ताओं की संख्या बढ़ी है, इसलिए उनका कोटा 22 से 33 प्रतिशत कर दिया गया है। बीईओ की भी संख्या बढ़ी है, इसलिए उनका कोटा डीआई के स्थान पर 17 से बढ़ाकर 34 फीसदी कर दिया गया है। पुरुष प्रवक्ताओं की संख्या कम होने पर उनका कोटा घटाया गया है। उन्होंने बताया कि इसे स्वीकृति के लिए यूपीपीएससी भेजा गया
खण्ड शिक्षा अधिकारी पदोन्नत कर बनाए जा सकेंगे राजकीय इंटर कालेजो के प्रधानाचार्य
By एडिटर
0
RELATED ARTICLES