गाजियाबाद । स्थानीत कविनगर थाने में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और नौतनवां सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि कुछ गुंडों ने दोनों नेताओं का नाम लेकर सारा सिंह की मां को गवाही न देने के लिए धमकाया था। सारा की हत्या का आरोप पति अमनमणि त्रिपाठी पर है।
महाराजगंज जिले की नौतनवां सीट से विधायक अमनमणि त्रिपाठी 9 जुलाई 2015 को पत्नी सारा सिंह के साथ कार से लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे। फिरोजाबाद हाईवे पर उनकी कार कथित तौर पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें सारा सिंह की मौत हो गई, जबकि अमनमणि त्रिपाठी को खरोंच तक नहीं आई।
सारा सिंह की मां सीमा सिंह ने 18 जुलाई 2015 को अमनमणि पर हत्या का केस दर्ज करा दिया। सीबीआई ने चार्ज शीट में माना कि अमनमणि ने पत्नी की हत्या का षड़यंत्र रचा। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक बदलवा दी गयी। केस की सुनवाई सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में चल रही है। तत्कालीन सीओ राजेश सिंह की गवाही हो चुकी है। सारा सिंह की मां सीमा सिंह ने बताया कि 23 सितंबर की पौने दस बजे वह बड़ी बेटी नीति मिश्रा की गवाही दिलाने के लिए लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विक्रमखंड से सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद आई थीं। कचहरी परिसर के नजदीक दो मोटरसाइकिल पर चार युवक आए। उन्होंने कहा कि वे अमरमणि त्रिपाठी के आदमी हैं। अगर अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ गवाही दी तो तुम दोनों और परिवार को जान से मार देंगे। विरोध करने पर आरोपी दोनों को धक्का देकर फरार हो गए। गाजियाबाद की कविनगर थाना पुलिस ने 29 सितंबर की रात 2.12 बजे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ धमकी देने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। त्रिपाठी को सितंबर 2003 में इस हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, अमरमणि का मधुमिता शुक्ला के साथ कथित रूप से संबंध था। मधुमिता की लखनऊ में 9 मई 2003 को हत्या कर दी गई थी।