जेल से लेकर बेल तक राजनीति के खेल तक हर सफर मे सफलता का आयाम स्थापित कराने वाले नींव के पत्थर जिसके मजबूती का एहसास तो सबको होता है लेकिन चर्चा जो दिखता है उसी का होता है तमाम झंझावातों को झेलते हुए और खुद के रसूख का इस्तेमाल कर जय प्रकाश गुप्ता को माननीय बनाने के लिए कोई कोर कसर ना छोड़ने का आपका कार्य चर्चा का विषय रहा है जिसमें अंदरखाने बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं का विरोध व भीतरघात भी सम्मलित रहा है ज्ञात हो कि जय प्रकाश गुप्ता दो बार मण्डल अध्यक्ष व एक बार मनोनीत सदस्य रहे है तत्काल मे जिनका नाम गोकशी मे आया था और पार्टी के कई बड़े नेताओं के आँखों के किरकिरी बने हुए थे ऐसे मे एक चाणक्य की भूमिका जिनका इन्होंने 2012 के चुनाव में सहयोग किया था बाल कृष्ण त्रिवेदी ने निभाया जो धरना प्रदर्शन से लेकर जमानत तक मे साथ देकर पहली बार जमानियां मे कमल खिलाते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई।परंतु सवाल यह है कि आपकी इस महत्ता को पार्टी क्यों नहीं समझती जबकि आपकी कुशल रणनीति के वजह से ही जमानियां मे विजय श्री हासिल हुई है उम्मीद है अब आपके इस कृत्य को पार्टी भलीभाँति समझते हुए उचित जिम्मेदारी सौपेगी और माननीय बने जय प्रकाश गुप्ता जी भी आपके निर्देशन मे जमानियां के विकास में नई इबारत लिखेंगे।
जमानियां मे पहली बार कमल खिलाने वाले चाणक्य
0
RELATED ARTICLES