संवाददाता सूरज सिंह
दो जनपदों में बसा कस्बा कंचौसी के हालात खराब हो रहे हैं। नगर के विकास पर क्षेत्र के जन प्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। अर्से से जर्जर पड़ा पोस्ट ऑफिस व रेलवे स्टेशन संपर्क मार्ग अपने कर्मों पर आंसू बहा रहा है। जरा सी बरसात व हल्की बूंदाबांदी होने पर जल का भराव हो रहा है, भारी बरसात में क्या होगा? पूरे नगर में जल निकासी के लिए कोई भी ड्रेन नहीं बनाई गई है। जिस कारण सड़कों पर भरा बरसाती गंदा पानी घरों के अंदर घुस कर कस्बे व नगर की जनता को संक्रामक बीमारियों की चपेट में ले लेता है। कस्बे की भौगोलिक स्थिति देखी जाए तो बहुत ही विचित्र है। नगर का आधा हिस्सा कानपुर देहात में आता है। तो आधा हिस्सा औरैया जनपद में आता है। कानपुर देहात का आधा हिस्सा नगर पंचायत के अंतर्गत आता है। लेकिन अभी तक न ही औरैया जनपद के विभागीय अधिकारियों ने इस विकराल समस्या को संज्ञान में लिया। और न ही जनपद कानपुर देहात के अधिकारियों ने भी कोई सुध ली। जबकि मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर जनपदीय अधिकारियों को समस्या से निजात के लिए अवगत करा दिया गया है। यहां तक कि कंचौसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष ताराचन्द्र पोरवाल व वरिष्ठ स्वयं सेवकी रविकांत सिंह राजावत ने बताया है कि कस्बे की इस विकराल समस्या को अधिकारियों द्वारा संज्ञान में न लेना बड़ी लापरवाही प्रतीत होती है। एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बरसात के आने के पहले जल भराव व बाढ़ के प्रति गंभीर होकर शीर्ष अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं। लेकिन लापरवाही का आलम कंचौसी कस्बे में देखने को मिल जाएगा। जहां किसी भी मौहल्ले में पक्की नाली नहीं बनाई गई है। जिससे कस्बे में जरा सी बरसात व हल्की बूंदाबांदी होने पर जल का भराव हो जाता है। जिस कारण लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। कस्बे के विनय प्रताप सिंह एडवोकेट, देवेश पालीवाल, राजेंद्र पोरवाल, सुधीर दुबे, सत्यनारायण दुबे, राकेश बाथम, राजेश बाथम, अशोक राठौर, संतोष तिवारी, अजय पोरवाल, सुभाष राठौर, भानु प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह चौहान, रोहित गुप्ता, ऋशु चौहान, हर्षित गुप्ता, आदि लोगों ने बताया है कि कस्बे के अंदर बने मार्ग पूर्णतया जमाने से जीर्ण-शीर्ण बने हैं। कहीं पर जल निकासी का कोई भी प्रबन्ध नहीं किया गया है। सतीश शर्मा के मकान से लेकर देवेश पालीवाल के मकान तक लगभग 400 मीटर का कंचौसी रेलवे स्टेशन व उपडाकघर कंचौसी को आने-जाने वाले संपर्क मार्ग की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है। यहां कि जनता में मार्ग व नाली न बनने से आक्रोश भी व्याप्त है। जबकि नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद कस्बा चमकता है। लेकिन कंचौसी कस्बे के हालात खराब है। संबंधित अधिकारियों से बात करने पर एक ही जवाब मिलता है कि बजट नहीं है। आखिर नगर की जनता का सवाल है कि नगर पंचायत में विकास का बजट कहां खर्च किया जा रहा है? जब कस्बे के अंदर अभी तक कोई भी गली पक्की नहीं हुई है। और न ही कोई पक्की नाली निर्माण कार्य भी नहीं हुआ। केवल दो हाईमास्ट लाइटें लगाकर दिखाया जा रहा है कि नगर का विकास हो गया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। वहां रहने वाले लोगों ने संबंधित अधिकारियों से संपर्क मार्ग व सड़क के दोनों तरफ नालियां जल्द बनवाए जाने की मांग की है। इस संबध में जब एग्जीएक्यूटिव ऑफीसर टाऊन एरिया सुरेश चन्द्र ने बताया है कि अभी बजट का अभाव है। तीन जून 2022 के बाद समस्या को देखने के बाद निराकरण हो सकेगा।