“सतगुरु नानक प्रगटेय मिटी धुंध जग चानन होया”
राजेन्द्र शर्मा
फतेहाबाद
सतगुरु नानक प्रगटेया मिटी धुंध जग चानन होया, जिथे बाबा पैर धरे, पैर धरे बाबा खेर करे, गुरु बिन अंधार गुरु बिन समझ न आवे, सुनी पुकार दातार प्रभु, मन क्यूं बेराग करे मेरा सतगुरु पूरा आदि शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया गया । मौका था गुरु नानकदेव के 551वें प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में मेन बाजार स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में सजाए गए दीवान। कोरोना को लेकर गुरुद्वारे को पूरी तरह से सैनेटाइज किया गया। गुरुघर में आने वाली संगत के हाथों को भी सैनेटाइज करवाया गया तथा बिना मास्क अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। इस अवसर पर दमदमा साहिब से आए रागी जत्था भाई हरमीत सिंह व गुरुद्वारे के हेडग्रंथी सुखजिंद्र पाल सिंह रागी जत्थे के अलावा बच्चों ने भी शब्द कीर्तन के माध्यम से गुरु की बाणी से संगत को निहाल किया। इसके अलावा सिरसा से आए कथावाचक अवतार सिंह ने गुरुओं की जीवनी बारे संगत को जानकारी दी। समागम में मंच संचालन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के महासचिव महेंद्र सिंह वधवा ने किया।उन्होंने कहा कि गुरु नानकदेव द्वारा जो ज्ञान रुपी ज्योति दिखाई गई उसी का अनुसरण कर हमें अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए। जिन्होंने ने भी गुरु नानकदेव जी के वचनों पर अमल किया वो जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो गए। उन्होंने बताया कि गुरु नानकदेव जी ने अपनी जिंदगी का सबसे अधिक समय सुल्तानपुर लोधी में बिताया उन्होंने कहा कि गुरुघर से भटकने वाले को कहीं भी टिकाना नहीं मिलता। इसलिए जरुरी है कि गुरु जी की बाणी पर अमल करते हुए गुरुघर की खुशियां प्राप्त करें। सतगुरु नानक प्रगटेया मिटी धुंध जग चानन होया के बारे में उन्होंने बताया कि जब गुरु नानक जी इस दुनिया में आए तो उन्होंने अज्ञानरुपी अंधेरे को मिटाकर सारे संसार में ज्ञान रुपी ज्योत जलाने का काम किया। इस अवसर पर गुरु का अटूट लंगर भी चलाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान हरचरण सिंह एडवोकेट, महासचिव महेंद्र सिंह वधवा, महेंद्र सिंह ग्रोवर, जसपाल सिंह, एसएस मल्होत्रा, अजमेर सिंह, अवतार सिंह मोंगा, गुरजीत ग्रोवर,ललित मेहता, हरिमंद्र मिंकू, काकू वधवा, शंटी मोंगा सहित अनेक संगत उपस्थित थी।