गाजीपुर ( प्रेमशंकर मिश्र) । पुलिसिया उत्पीड़न की खबरें आपको विचलित करतीं हैं या नहीं लेकिन जिस पर गुजरती है वह इसका गवाह बन कर रह जाता है। वैसे तो सरकार यह दावा करते नहीं थकती कि प्रदेश में गुंडा राज का खात्मा हो गया है। लेकिन प्रतिदिन ऐसी खबरें आ रहीं हैं जिसमें पुलिस ही गुड़ई पर उतर आयी है। वह चाहे गोरखपुर हो,चंदौली हो,कंचौसी हो या गाजीपुर । ताजा मामला जनपद के कासिमाबाद थाने से जुड़ा है जहां छेड़खानी का विरोध करने पर मारपीट की गयी। थाने पर सुनवाई नहीं हुई और आज जिला अस्पताल में इलाज करा रहे युवक को डाक्टर भी सीधे मुंह बात नहीं कर रहे। ऐसा कहना है पीडित का।
थानेदार से बातचीत करने पर बताया गया कि अभी दो दिन पहले ही तैनाती मिली है। पीडित की तहरीर पर एफ.आई.आर. लिखी जा चुकी है जबकि पीडित का कहना है कि एफआईआर हमारी दर्खास्त पर नही वल्कि विपक्ष के प्रभाव में आकर उनके कहे अनुसार लिखी गई है विरेन्द्र सरोज जो पुलिस मे तैनात है जो मारपीट मे संलिप्त था उसका नाम एफआईआर मे दर्ज नही है पुलिस उसका विभागीय पक्ष ले रही है।
मामला कासिमाबाद थानाक्षेत्र के कंवलपट्टी गाँव की है। पीड़ित मरछू पाण्डेय के अनुसार 29 सितम्बर को शाम उनकी दो बहूएं शौच आदि के लिए बाहर गयीं थीं। रास्ते में आरोपियों द्वारा छेडाखानी की गयी,साड़ी की पल्लू खीचा गया। किसी तरह भाग कर घर पहुँचीं तो पीछा कर घर में घूस गये और मारपीट की गयी। घटना के बाद 112 नम्बर बुलाया गया। थाना पर लिखित तहरीर दी गयी। लेकिन कोई कार्यवाही तो दूर उल्टा पीडित को ही प्रताड़ित किया गया। आज पीड़ित अस्पताल में इलाज करा रहा है और आरोपी खुला घूम रहे हैं।