केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण किसान भुखमरी को विवश
रविश कुमार मिश्रा
नौतन (बेतिया ) स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी नौतन पंचायत के पंचायत समिति मधु सिंह ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि आजादी के बाद से हर राजनीतिक दल गरिबों और किसानों के हित कि सिर्फ बातें करती है। और जब चुनाव नजदीक हो या हो रहा हो तो सभी पार्टी के नेता भाषण में गरीबी मिटाओ और किसानों को अधिक से अधिक सहयाता देने की बात करतें हैं। आगे श्रीमती सिंह ने कहा कि दुनिया के भोजन की व्यवस्था किसान अपने शरीर के खुन पसिने से उपजाए हुआ फसल से करता है। किसान के खेत के आनाज से बना भोजन,को खा कर दुनिया भर के लोग मौज मस्ती से अपनी जिंदगी जीते हैं।ऐसोअराम करते हैं।सबकी भुखो को मिटाने वाला किसान आज दर दर की ठोकरें खाता है।दिन रात किसानों को लेकर राजनीति करने वाले सता पछ आज मौन धारण किए हुए हैं। किसान की माली हालत बहुत ही खराब है, कोई पुछने वाला नहीं है। मजबूरी में किसान आत्म हत्या कर रहा है। कहीं कर्ज को लेकर तो कहीं फसल बर्बादी को लेकर। किसान का फसल जब तैयार हो कर धर में आता है,तो बाजार में कोई किमत अनाज का नहीं रहता है, मजबूरी में औने पौने दाम में बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता है।
वहीं हाल है अभी धान का कोई बाजार भाव नहीं है। सरकार भी धान की खरीदारी नहीं कर रही है, ऐसे में किसान क्या करें। बहुत ही चिंतनीय विषय है।इस पर केंद्र सरकार को किसानों के हित में सोचना होगा । नहीं तो भविष्य में खेती करने वाले किसानों को खेती छोड़नी होगी।जो देश हीत में नहीं होगा।एक तरफ करोना महामारी,तीज त्यौहार उसके बाद लग्न शादी के साथ ही खेती के भीड़ में किसान पूरी तरह फस चुके हैं।धान की खरीदारी अभिलम्ब शुरू हो और भुगतान की प्रक्रिया भी सरल होनी चाहिए।।