दिल्ली/ चंड़ीगड़/ लखनऊ । गन्ना किसानों के आंदोलन के आगे आखिर पंजाब सरकार को झुकना ही पड़ा।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गन्ना किसानों की मांगों को मानते हुए साल 2021 -22 के लिए गन्नो की पिढ़ाई सीजन के लिए राज्य में गन्ने का भाव 360 रुपए प्रति क्विंटल करने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया है. यह मूल्य पड़ोसी राज्य हरियाणा की अपेक्षा 2 रुपए अधिक है। इधर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले क्या राज्य सरकार गन्ने का खरीद मूल्य बढ़ाएगी? ये सवाल अब और भी बड़ा हो गया है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने आज गन्ने पर FRP को ₹290 प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 25, 2021
यह फैसला किसान उन्नयन के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है। इससे प्रदेश के 45.44 लाख गन्ना किसान लाभांवित होंगे।
आभार प्रधानमंत्री जी!
असल में केंद्र सरकार ने गन्ने का खरीद मूल्य पांच रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ाने का फैसला किया है।इसे सरकारी भाषा में FRP बोलते हैं, यानी फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस. इसमें 5 रुपये की बढ़ोतरी की गयी है. अब ये 285 रुपये से बढ़कर 290 रुपया प्रति क्विंटल हो गया है. FRP वो रेट है, जिस पर कोई चीनी मिल किसी किसान से गन्ने की खरीद करती है।पिछले साल मोदी सरकार ने 10 रुपये रेट बढ़ाया था। हालांकि उत्तर प्रदेश में पहले से ही गन्ना का रेट 310,315 और 325 है।