गाजीपुर( 20जुलाई,2021)। राजस्थान में रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक निलंबित कर दिए गए हैं। दो दिन पूर्व राजस्थान में मिठाई के डिब्बे में ली गई रिश्वत की रकम के साथ उनको पकड़ा गया था। इसके बाद रिश्वत की पुष्टि होने और पूछताछ में पूरी उगाही की कहानी सामने आने के बाद आखिरकार उनको निलंबित कर दिया गया। इस आशय की सूचना गाजीपुर अफीम फैक्ट्री को भी सोमवार को मिल गई। अफीम कारखाना के महाप्रबंधक शशांक यादव के नवापुरा में सरकारी आवास और प्रयागराज के आवास पर खोजबीन और साक्ष्य संकलन को लेकर राजस्थान के डीजीपी ने यूपी के डीजीपी को पत्र लिखकर सहयोग मांग चुके हैं। वहीं रविवार को डीजीपी के निर्देश पर वाराणसी विजिलेंस के डिप्टी एसपी के साथ करीब 20 सदस्यों की टीम मकान के साथ ही परिसर भर में कई जगहों पर खेजबीन के साथ वीडियोग्राफी कर रिकार्ड संग्रहीत किया था। वहीं डीजीपी के आदेश के बाद रविवार शाम सबसे पहले डीएम एमपी सिंह से टीम ने मुलाकात कर विस्तृत जानकारी दी थी। पुलिस को लेकर टीम फैक्ट्री के प्रबंधक ओपी राय के कार्यालय पहुंची और टीम शाम चार बजे नवापुरा स्थित महाप्रबंधक के आवास पर जाकर जांच पड़ताल की। जांच अभियान के बाद डिप्टी एसपी विजय मल्ल यादव ने जांच की एक प्रति प्रबंधक ओपी राय को भी दिया। जबकि इसकी जानकारी शासन प्रशासन को रविवार को ही रिपोर्ट भेज दी गई। वहीं उनके गिरफ्तारी के बाद से ही कार्रवाई की तलवार चलनी तय हो गई थी। आखिरकार गिरफ्तारी के बाद 24 घंटे में कार्रवाई करते हुए उनको निलंबित कर दिया गया। इस आशय की जानकारी भी कारखाने को प्रेषित कर दी गई। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) के अधिकारी डा. शशांक यादव को भ्रष्टाचार के आरोप 17 जुलाई को पकड़ा गया था। आरोपित की गाड़ी से 16 लाख 32 हजार 410 की नकदी बरामद की गई थी। शशांक यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित अफीम फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे और उनके पास नीमच (मध्य प्रदेश) फैक्ट्री का भी अतिरिक्त प्रभार था। वहीं अब उनके निलंबन के साथ ही गाजीपुर और नीमच फैक्ट्री का भी प्रभार छिन गया है। दूसरी ओर जांच की रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को भेज दी गई है।