गाजीपुर। वयोवृद्ध पत्रकार शंभू नाथ भट्ट का लम्बी बीमारी के बाद 104 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। करीमुद्दीनपुर के गांव ताजपुर डेहमा के भटवलिया के निवासी थे। आजादी से पहले वे अपने किशोरावस्था में ही पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़ गये थे और उसी उम्र में ब्रितानी हुकूमत से छिपकर लोगों के घरों तक अखबार पहुंचाया करते थे। उस कार्य में पकड़े जाने पर कई बार बेंतों की मार भी खानी पड़ी थी।स्वतंत्रता के बाद उन्होंने रेलवे में नौकरी की और सेवानिवृत के बाद फिर पत्रकारिता से जुड़ गये। उन्होंने अपनी पत्रकारिता आज अखबार से शुरू किया और दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा आदि को भी अपनी सेवाएं दी। उनकी मौत से परिवार सहित पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों में शोक छा गया। वरिष्ठ पत्रकारों ने उन्हें पत्रकारिता जगत का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि उनकी भरपायी सम्भव नहीं हो सकती। लोगों ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए परमपिता परमेश्वर से गतआत्मा को शान्ति प्रदान करने तथा उनके परिजनों को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।
शोकसभा मे अनिल उपाध्याय, विनोद पाण्डेय, चंद्र कुमार तिवारी, अशोक श्रीवास्तव, रविकान्त पाण्डेय, सूर्यवीर,पवन, विनय सिंह, विनोद गुप्ता, आलोक, अभिषेक, आशुतोष त्रिपाठी, राममनोज, अनिल, दुर्गविजय, रविशंकर, जितेंद्र, वेद श्रीवास्तव, सुमंत सिकरवार, विनय, देवब्रत, रतन, शिवप्रताप, कमलेश, शशिकान्त, विवेक, मंजीत आदि प्रमुख रहे।