वाराणसी। अगस्त 9, 2024 । आज एक पत्रवार्ता को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि हमारा पड़ोसी बांग्लादेश एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फँसा हुआ है। हसीना सरकार के त्यागपत्र और उनके देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। संकट की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है।
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार हिन्दू व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुँचाया गया है।अल्पसंख्यकों की हत्याएँ और महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है। मन्दिर और गुरुद्वारों को भी क्षति पहुँचाई जा रही है। बांग्लादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो जो हिंसा व आतंक का निशाना न बना हो। बांग्लादेश में हिन्दू जो कभी 32% थे, अब 8% से भी कम बचे हैं और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हैं। यह स्थिति भयावह है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में विश्व समुदाय की यह जिम्मेवारी है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करें।
अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हिंसा और उनके उत्पीड़न पर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष, वामपन्थी और लिबरलों की चुप्पी को भारतीय समाज देख रहा है। बांग्लादेश में पीड़ित अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के उलट INDI गठबन्धन के नेताओं द्वारा भारत में भी तख्तापलट करने के बयान देकर देश का वातावरण खराब किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उत्तेजक और भड़काऊ पोस्ट लिखे जा रहे हैं। ऐसे लोगों पर प्रशासन कठोर कानूनी कार्यवाही करे।
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि निश्चय ही भारत इस परिस्थिति में आँखे मूँद कर नहीं रह सकता। भारत ने परम्परा से ही विश्वभर के उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है।सन्त समाज भारत सरकार से यह आग्रह करता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएँ।
अखिल भारतीय सन्त समिति के महामन्त्री ने कहा कि हमारी कामना है कि बांग्लादेश में जल्दी से जल्दी लोकतन्त्र स्थापित हो और वहाँ की सरकार धर्मनिरपेक्ष हो कर कार्य करे। वहाँ के समाज को मानवाधिकार मिलें और बांग्लादेश की निरन्तर हो रही आर्थिक प्रगति में कोई बाधा न आये। भारत का समाज और सरकार इस विषय में निरन्तर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे।पत्रकार वार्ता में महामण्डलेश्वर स्वामी बालकदास भी उपस्थित थे।