गाज़ीपुर । फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके तहत लक्षित आबादी को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन कराया जाएगा, जिससे वह फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बच सकें। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल के निर्देशन में स्कूलों और विद्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रम व गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। यह गतिविधियां स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों के संयुक्त प्रयास और पीसीआई, पाथ, डब्ल्यूएचओ व सीफार संस्था के सहयोग से आयोजित की जा रही हैं।शनिवार को सैदपुर स्थित बेनी सिंह इंटर कॉलेज, नगर के मेरी सिटी स्कूल व एमएएच इंटर कॉलेज समेत 17 स्कूलों में एक हजार से अधिक छात्र – छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में जागरूक किया गया।
बेनी सिंह इंटर कॉलेज में प्रार्थना सभा के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रेखा मधुकर और मेरी सिटी स्कूल में बायोलोजिस्ट अशोक प्रकाश मौर्य के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फाइलेरिया बीमारी के कारण, लक्षण, जांच और बचाव आदि के बारे में जानकारी देते हुए एमडीए अभियान (10 अगस्त से दो सितंबर) के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर छात्र – छात्राओं को बताया कि फाइलेरिया (फीलपाँव या हाथीपाँव) वाहक मच्छर क्यूलेक्स के काटने के बाद इसके लक्षण पांच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए एक साल से ऊपर के सभी बच्चों, किशोर-किशोरियों, वयस्कों, वृद्धजनों को फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खानी चाहिए। यह दवा स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। यह दवा वितरित नहीं की जाएगी। स्वास्थ्यकर्मी और आशा कार्यकर्ता यह दवा लोगों को अपने समक्ष खिलाएँगी। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। साथ ही यह दवा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमारव्यक्तियों को नहीं खानी है। इस दवा के साल में एक बार और पाँच साल लगातार सेवन करने से हम फाइलेरिया से सुरक्षित बन सकते हैं। इसके लिए जन सहभागिता की बेहद आवश्यकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को एमडीए अभियान और फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में जागरूक करें।