हालिया दिनों में खासतौर से लॉकडाउन के बाद कोई ऐसा सप्ताह नहीं गया होगा जिसमें मोदी या सरकार के विरुद्ध कोई न कोई टि्वटर ट्रेंड, ट्रेंड ना कर रहा हो। क्या इसको हम देश का मूड समझ सकते हैं? या विपक्ष की सोशल मीडिया की ताकत समझ सकते हैं? यदि हम विपक्ष की ताकत समझते हैं तो भी हमें यह समझना पड़ेगा कि वह 2019 लोकसभा चुनाव से ज्यादा मजबूत दिख रही है क्योंकि 2014 चुनाव से पहले इसी तरीके के ट्रेंड्स सोशल मीडिया में उस समय की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस के खिलाफ दिखा करते थे।
तो क्या यह देश का मूड है? 2014 और 2020 दोनों की ट्रेंड्स में थोड़ा फर्क है 2014 में लगभग हर #हैस टैग सरकार के विपक्ष में हुआ करता था लेकिन इस बार कुछ विपक्ष में और कुछ पक्ष में हुआ करता है। मतलब साफ है जनता पूरी तरीके से सरकार या मोदी चेहरे से अलग नहीं हुई है।
अब यदि आप इसको डिजिटल मार्केटिंग के हिसाब से समझेंगे तो आपको समझ में आएगा कि विपक्ष की सोशल मीडिया टीम पहले की चुनाव की अपेक्षा अच्छा काम कर रहे हैं और विपक्ष को घेरने के लिए जितने पर्याप्त कंटेंट की जरूरत होती है वह सोशल मीडिया में उपलब्ध करा रही है। हां यह जरूर है कि कुछ हद तक जनता भी इस काम में विपक्ष का साथ दे रही है। क्योंकि अकेले ऑफिस में बैठकर इस तरीके के ट्रेंड्स को इतने लंबे समय तक अंजाम देना मुश्किल है।
तो क्या मोदी का जादू कम होता जा रहा है
आप इसको इस तरीके से कैलकुलेट नहीं कर सकते। मोदी के लिए यह समय कठिन जरूर हो सकता है लेकिन जनता उनसे दूर हो रही है यह कहना मुश्किल है क्योंकि इस समय सरकार के आगे बहुत सारी चुनौतियां हैं और कुछ अप्रत्याशित चुनौतियां आई जिसकी वजह से मोदी के प्रभाव में थोड़ी कमी आई है लेकिन वह ज्यादा दिन टिक नहीं सकती क्योंकि सरकार के द्वारा किए गए कार्य चुनाव से पहले गिनाए जाएंगे। Covid-19 और चाइना–पाकिस्तान के साथ तनाव, अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंदी और रोजगार का जाना यह सब सरकार के पक्ष में नहीं है जो मोदी इफेक्ट को थोड़ा बहुत झटका तो देगा ही लेकिन जब भी चुनाव होंगे उसमें मोदी का जादू चलना तय है।
मोदी की लोकप्रियता कम नहीं हुई है चुनौतियां जरूर बढ़ी है।
आप इसको इस तरीके से देख सकते हैं कि कोविड-19 की वजह से लॉक डाउन हुआ, लॉकडाउन की वजह से व्यापारिक गतिविधि स्लोडाउन हुई, स्लोडाउन होने की वजह से रोजगार भी घटे, रोजगार घटने की वजह से विपक्ष को मौका मिला और वह सारे मुद्दे को लेकर सरकार और मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसी दौरान मोदी सरकार ने जिस तरीके से गरीबों के लिए बहुत सारे प्रयास किए वह काबिले तारीफ है और उससे मोदी की गरीबों में पैठ मजबूत हुई है जैसे मनरेगा के तहत काम देना, फ्री चावल चना दाल और सब्जियां उपलब्ध कराना यह सब सरकार के पक्ष में गया है। वही चाइना से टेंशन में भी सेना का सपोर्ट करना, कूटनीति दृष्टिकोण से विश्व पटल पर चीन को आंखें दिखाना, अपने सहयोगियों को लेकर चीन के पड़ोसियों का साथ लेना यह सब सरकार के पक्ष में गया है। ट्विटर पर ट्रेंड करना राजनीतिक हो सकता है लेकिन जनता का विश्वास अभी भी मोदी और मोदी सरकार में कायम है। मोदी और उनकी सरकार दोनों जानते हैं उनके चुनौतियां बड़ी है और उस चुनौती को किस तरीके से मैनेज करना है यह वह लोग अच्छी तरीके से जानते हैं।