लखनऊ।भारतीय जनता पार्टी की यूपी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तो काफी पहले से चली आ रही है लेकिन कुछ ना कुछ पेंच फंसता जा रहा था।प्रदेश स्तर से नाम भेजने के लगभग महीने भर से अधिक हो गए, तब जाकर विस्तार के लिए दिल्ली कमान से हरी झंडी मिली। लेकिन जब विस्तार मूर्त रूप लेता इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया और विस्तार पर एक बार फिर ग्रहण लग गया।लंबे अर्से के बाद एक बार फिर विस्तार की गहमागहमी नजर आ रही है, लेकिन चर्चा इस बात की सबसे ज्यादा है कि क्या पूर्व नौकरशाह और पीएम मोदी के करीबी रहे अरविंद कुमार शर्मा मंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं?
गौरतलब है कि जब से पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा ने जनवरी 2021 में बीजेपी ज्वाइन की, तब से उनके मंत्री पद की शपथ लेने की चर्चा भी शुरू हो गई थी। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तो शुरू हुईं लेकिन विस्तार टलता चला गया।उनके बीजेपी ज्वाइन करने के छठे महीने में संगठन का विस्तार हुआ।पूर्व नौकरशाह एके शर्मा को पिछले जून महीने में प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया।उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं और उनके मंत्री बनने की चर्चाओं पर भी विराम लगता दिखा।
इसके थोड़े ही दिनों बाद लगभग दो महीने पहले यूपी बीजेपी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठकर नामों पर चर्चा की और उसे दिल्ली हाईकमान के पास भेज दिया गया। उन नामों पर दिल्ली हाईकमान ने मुहर लगा दी है, जिसके बाद से चर्चाओं का बाजार एक बार फिर गर्म है कि क्या पीएम मोदी के करीबी रहे प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व नौकरशाह मंत्री पद की शपथ लेंगे।चर्चा है कि संगठन से एक से दो लोगों को विस्तार में शामिल किया जा सकता है. सारी रणनीति 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार की गई है।