लखनऊ । बीजेपी ने इलाहाबाद से केपी श्रीवास्तव, गोरखपुर महाराजगंज से सीपी चंद्र, बलिया से रविशंकर सिंह पप्पू, इटावा फर्रुखाबाद से प्रांशु दत्त द्विवेदी गाजीपुर से चंचल सिंह, प्रतापगढ़ से हरी प्रताप सिंह, बाराबंकी से आनंद कुमार सिंह, बहराइच से प्रज्ञा त्रिपाठी, गोंडा से अवधेश सिंह मंजू, फैजाबाद से हरिओम पांडे, देवरिया से रतन पाल सिंह, आजमगढ़ मऊ से अरुण कुमार यादव (विधानसभा चुनाव में अरुण कांत को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। ऐसे में फूलपुर पवई से विधायक रहे अरुण कांत यादव को एमएलसी प्रत्याशी कर उनकी नाराजगी कम करने की कोशिश की है।यहां उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी राकेश यादव उर्फ गुड्डू से होगा)।
बांदा हमीरपुर से जितेंद्र सिंह तोमर, झांसी जालौन ललितपुर से रमा निरंजन, इटावा फर्रुखाबाद से प्रांशु दत्त द्विवेदी और आगरा के फिरोजाबाद से विजय शिवहरे को एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।
विधान परिषद के लिए निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है और दो साल पर इसके लिए चुनाव होता है. यूपी के विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं, जिनमें बहुमत के लिए 51 का आंकड़ा चाहिए. यहां 48 सीटों के साथ सपा बहुमत में है, जबकि बीजेपी के पास 36 सदस्य हैं. एमएलसी चुनाव के पहले चरण में 21 मार्च तक इन 30 प्रत्याशियों का नामांकन होना है।