मोदी जी नये भारत के दिव्यदर्शी हैं- संजय शेरपुरिया
जाने माने समाजसेवी और उद्यमी संजय शेरपुरिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के 66 साल बाद हमारे राष्ट्र को सच्चे अर्थ में आजादी दिलवाई है। साथ ही उन्होंने गुजरात में अपने 30 साल के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि मोदी जी नये ईश्वर के साक्षात अंश और भारत के ‘दिव्यदर्शी’ हैं।देश अंग्रेजो से तो 1947 में ही आजाद हो गया था, लेकिन उसके बाद गांधी-नेहरू के परिवार वाद की गुलामी की ज़ंजीर में बंधे
हुए थे, जिससे नरेद्र मोदी जैसे अवतारी पुरुष हमें मुक्ति दिलाकर सही अर्थ में आजाद किया और भारत को विश्व पटल पर एक सर्वाेच्च स्थान दिलवाया।
प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर इंडिया इंटरनेशल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी, पुस्तक विमोचन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए
संजय शेरपुरिया ने कहा कि जैसे भगवान कृष्ण ने अपने मामा कंस के साथ साथ असुरों का वध किया, वैसे ही मोदी जी ने देश में अपराध,लूट, चोरी, बेईमानी, गद्दारी और रिश्वत जैसी कई बुराइयों का अंत किया है। मोदी जी आज धर्मयुद्ध कर रहे हैं, परिवारवाद का नाश करके सत्य और अहिंसा को पुनर्प्रतिष्ठा दिला रहे हैं।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि देश में ऐसी पहली घटना है कि एक सामान्य गरीब परिवार एवं पिछड़ी जाति का व्यक्ति, अपनी कड़ी मेहनत, सच्चे देशप्रेम और
अनवरत प्रयत्नों के जरिये देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा हो।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो रात को आठ बजे नोटबंदी का एलान करता है और दूसरे दिन से देश के करोडों लोग बैकों की लाइनों में खड़े हो जाते हैं, एक व्यक्ति थाली-घंटा बजाने का एलान करता है और सारा देश उसी समय थाली बजाने के लिए तत्पर होता है, एक व्यक्ति अपने घर में दिया जलाने को बोलता है और सारे भारतवर्ष में उसी समय दिया जलने लगता है, एक व्यक्ति तिरंगा फहराने को बोलता है और करोडों देशवासियों के घर, दुकान, फैक्टरी, वाहन और ऑफिस पर तिरंगा लहराने लगता है, यह जादू नहीं है बल्कि एक व्यक्ति का समाज और देश के प्रति विश्वास सम्पादन है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि आजादी के बाद सालों तक सरकार की ओर से एक रुपया
मदद के लिए निकलता था और किसान, गरीब एवं महिलाओं और युवाओ तक सिर्फ 18 पैसे पहुंचते थे और आज 2014 के बाद, जब सरकार की ओर से एक रुपया मदद के लिए जाता है तो पूरा एक रुपया सीधे महिला, किसान, गरीब एवं युवाओ के बैंक खाते में जमा हो जाता है। राष्ट्र के लिए यह एक अद्भुत सिद्धि है, जो हमारे राष्ट्रसेवक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रस्थापित की गई है। सालों तक भारत का नाम लेते हुए विश्व के देशों को शर्म आती थी और एक पिछड़ा देश माना जाता था और आज यह समय है कि, विश्व के सारे प्रतिष्ठित लोग मोदी जी और भारत देश को झुककर सलाम करते हैं, यह मोदी जी की कड़ी मेहनत और अकल्पनीय कार्य-सिद्धि का कमाल है। उन्होंने कहा कि चाहे हम एक नये भारत के निर्माण की अवधारणा की बात करें या आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की, हम मानवता, शांति और समृद्धि के साथ सेवा और सुरक्षा के मामले में भारतीय दर्शन के अनुसार एक विश्व प्रणेता होने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन सभी लक्ष्यों को तभी साकार किया जा सकता है, जब देश के नागरिक अपने अधिकारों की बात करने के साथ-साथ अपने
संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से गंभीर और जागरूक हों। यह राष्ट्र निर्माण और इसके विकास के लिए जरूरी है। हालांकि नये भारत की पहचान और लक्ष्य को लेकर प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी जी और उनकी सरकार के 8 सालों के शासन काल में बदलाव की बयार बह रही है और भारत को एक नई पहचान मिली है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि 2014 के बाद नरेंद्र मोदी का भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया था कि वे देश की बेहतरी के लिए कुछ अलग करने के लिए कृत संकल्पित हैं। आज आठ साल में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो गई। भ्रष्टाचार पर प्रभावी रूप से अंकुश लगा है, देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया गया है कि हिमाकत करने वालों को मुहतोड़ जबाव दिया जायेगा। अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया है। सरकारी संस्थानों में लोगों का भरोसा लौट आया है। विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ा है। भारत की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है। आज देश का नेतृत्व भारत की सुरक्षा, आर्थिक प्रगति, युवा विकास, किसानों की खुशी और भारत के करोड़ों गरीब नागरिकों के जीवन की बेहतरी के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता लगा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह कहना बिल्कुल सही है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है जिससे देशवासियों को भ्रम हो। वैश्विक
महामारी का प्रबंधन करना हो, आतंकवाद के खिलाफ लड़ना हो या अपने नागरिकों को विदेशी धरती पर सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाना हो, मोदी सरकार ने लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार काम किया।जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद
370 को निरस्त किया, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया, तीन तलाक पर कानून बनाया।जीएसटी लागू करना, नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करना, कोरोना से निपटना और इससे प्रभावित गरीबों को आश्रय प्रदान करना, आयुष्मान भारत योजना इत्यादि कई फैसलों ने न केवल देश को मजबूत किया, बल्कि साबित किया कि सरकार की नीतियां और इरादे सुशासन के लिए समर्पित हैं। इन रचनात्मक
कल्याणकारी योजनाओं ने देश का चेहरा बदल दिया है। श्री सीताकांत स्वयंभू ने सच ही कहा है कि, वैश्विक पटल की ओर बढ़ता जा रहा है। नित नित नये आयाम गढ़ता जा रहा है।गौरवमय इतिहास फिर दोहरा रहा है। विश्वगुरु भारत शिखर
चढ़ता जा रहा है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि भारत हमेशा से ही विश्वगुरु रहा है जिसका केंद्र बिंदु अध्ययन, आराध्य और आध्यात्म का समायोजन है। यदि हम इसपर अमल करें तो ये अध्ययन, आराध्य और आध्यात्म का समायोजन भारत को फिर से विश्वगुरु बना सकता है। भारत की सनातन संस्कृति हजारों साल पुरानी है जिस समय विश्व की आज की तथाकथित सभ्यताओं का आरंभ भी नही हुआ था। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ते राजनैतिक और धार्मिक भेदभाव और इतिहास में वर्णित विसंगतियों ने भारत की उस महान संस्कृति को पिछले वर्षों मे खो दिया था। साथ ही भारत के भौगोलिक परिवर्तन ने भी देश को अनेकानेक भीतरी और बाहरी
समस्याओं जैसे पाकिस्तान की समस्या, चीन की कारस्तानियां, कश्मीरी घुसपैठ की चुनौती, राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव आदि के कारण देश विश्वपटल पर
हाशिये पर चला गया था।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि आठ साल का यह सफर देश की सोच बदलने का सफर है। यह एक आत्मनिर्भर भारत की यात्रा है, भारत को विश्व गुरु के रूप में
स्थापित करने का मार्ग बनाने की यात्रा है। यह यात्रा आत्मनिर्भर भारत के ‘‘संकल्प से सिद्धि” की रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल के साथ-साथ कई विकासात्मक कार्य से भारत में उद्यमिता का तेजी से विकास हुआ है और यह दुनिया में गुणवत्ता का पर्याय बन गया है। कारोबारी माहौल को आसान बनाने के लिए पहले ही कई पहल की जा चुकी हैं। मोदी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया और वेंचर कैपिटल फंडिंग की शुरुआत की है और सरकार की पहल से इस साल स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 66000 हो गई और यूनिकॉर्न की संख्या 116 से ज्यादा हो गई है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत आज भारत रक्षा क्षेत्र समेत कई अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि 2014 से पहले जनता ने यह सोचकर ही छोड़ दिया था कि ये समस्याएं कभी भी खत्म नहीं हो सकती हैं। वर्तमान सरकार पिछले आठ वर्षों से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में लगी हुई है। पीएम मोदी की सफलता के पीछे पीसीसी का हाथ है, जिसका मतलब है, परसेप्शन,
कम्युनिकेशन और कनेक्शन। प्रधानमंत्री मोदी में ऐसी अनोखी बातें हैं जिन्होंने उनके राजनीतिक कद को काफी ऊंचा कर दिया है। प्रधानमंत्री पर लोगों का भरोसा इसलिए बढ़ा है क्योंकि वह अपनी ही भाषा में लोगों से सीधे संवाद करते हैं और लोगों से यही जुड़ाव उन्हें सफलता दिलाता है।
शेरपुरिया ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत के नागरिक आज अपने देश को एक नई आशा और विश्वास के साथ उभरते हुए देख रहे हैं। आज सपने हैं और संकल्प और प्रयास भी हैं जो सपनों को सच करते हैं। मोदी जी के नेतृत्व
में चल रही विकास की यह यात्रा भारत को पूरे विश्व में सम्मान, सम्मान और एक नई पहचान देने का प्रयास कर रही है, जहां शासन का मतलब सेवा और समर्पण है। इसलिए हम उन्हें नये भारत के दिव्यदर्शी या फादर ऑफ़ न्यू इण्डिया कहें तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।
समाप्त।