यूपी में पंचायत चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे भावी प्रत्याशियों की धुकधुकी बढ़ती जा रही है। प्रत्याशी आरक्षण की सूची की ओर टकटकी लगाये हुए हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए बैठकों,जनसम्पर्क तेज कर दिये हैं। सरकारी स्तर पर तैयारियां जोरों पर हैं। पंचायत चुनाव के दावेदारों में आरक्षण को लेकर बेचैनी बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि इस बार पंचायतों में आरक्षण मैनुअल के बजाय विशेष सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन किया जाएगा। वैसे अंतिम मतदाता सूची 22 जनवरी को जारी की जाएगी माना जा रहा है कि आरक्षण की लिस्ट नही इसी के आसपास जारी हो सकती है। इसके लिए विभागीय पोर्टल पर पिछले 5 चुनाव के आरक्षण का ब्यौरा फीड किया जा रहा हैं।
पंचायत चुनाव लड़ने के दावेदार आरक्षण की लिस्ट का बेचैनी से इंतज़ार कर रहे हैं। इसके बाद ही यह तय होगा कि किस गांव में किस जाति का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। क्योंकि अगर गांव आरक्षित है, तो आम लोग वहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसी तरह, अगर गांव महिलाओं के लिए आरक्षित है, तो कोई भी आदमी पर्चा नहीं भर सकता है। पंचायत चुनावों में ज्यादातर विवाद सीटों को आरक्षित करने के निर्णय में होता है।