25अगस्त2022 तक पालन का आदेश
गाजीपुर । दायित्वों का निर्वाह न करने, गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करने और सूचना आयोग द्वारा पारित आदेशों की लगातार अवहेलना करने से क्षुब्ध राज्य सूचना आयोग ने चार अप्रैल2019 को कार्यरत जिला विद्यालय निरीक्षक पर पच्चीस हजार का अर्थदंड लगाया है। साथ ही यह आदेश भी पारित किया है कि तीन माह के अन्दर आदेश का पालन किया जाय।
राज्य सूचना आयोग ने आदेश पारित करते हुए यह भी कहा है कि यदि इस आदेश के क्रम में किसी सक्षम न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश लिया जाता है तो आयोग को सूचित किया जाय।
मालूम हो कि जनपद के साहपुर उसरी गाँव निवासी सुरेश उपाध्याय ने सूचना का अधिकार2005 के अनुसार चार अप्रैल2016 को जिला विद्यालय निरीक्षक से जानकारी मांगी थी। सूचना उपलब्ध न होने की दशा में 18 अप्रैल2016 को प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की गयी जिसमें नियमानुसार विस्तार नहीं किया गया। अत: श्री उपाध्याय ने 17 नवम्बर2016 को द्वितीय अपीलीय अधिकारी को अपील योजित की गयी। इस अपील की सुनवाई 23 अप्रैल2019 को हुई जिसमें आवेदक तो उपस्थित रहा लेकिन प्रतिपक्षी अनुपस्थित रहे। आयोग सुनवाई करते हुए आवश्यक निर्देश जारी करते हुए तीस दिन के भीतर आवेदक को सूचना उपलब्ध कराने पर जोर दिया बावजूद 4 सितम्बर2019 तक आवेदक को सूचना प्राप्त नहीं कराई गयी। तब आयोग ने डीआईओएस को सूचना न देने का दोषी मानते हुए अर्थदंड अधिरोपित किया। इसके बाद 9 दिसम्बर2019 को प्रतिपक्षी की ओर से वरिष्ठ सहायक उपस्थित तो हुए लेकिन सूचना सम्बंधी आवेदन उपलब्ध न होने की बात की। इसके बाद हद तो तब हप गयी जब 12 नवम्बर2020 को उपस्थित तत्कालीन डीआईओएस ओम प्रकाश राय यह कहते हुए मुकरने लगे कि यह सूचना वित्त विहीन विद्यालय का है,जिला विद्यालय निरीक्षक इस सूचना को नहीं दे सकता । ऐसे में आयोग ने नियमावली और अभिलेख का निरीक्षण कर यह निर्देश जारी किया कि यह सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक के अधीन ही है और वही उपलब्ध कराये। पुन: सात अप्रैल को आवेदक तो उपस्थित रहा लेकिन उभय पक्ष अनुपस्थित रहा। अंत में राज्य सूचना आयोग ने यह आदेश पारित किया कि 4 अप्रैल2019 को कार्यरत डीओआईएस सूचना न देने के दोषी हैं। इनसे वेतन से पच्चीस हजार रुपये वसूल किया जाय। आदेश इस साल पिछले माह 25 मई 2022 को जारी किया गया है।