गुगलमीट के जरिये कवि संगम आयोजित
औरैया( विपिन गुप्ता)। राम नवमी के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम की औरैया इकाई के बैनर तले डिजिटल पटल गूगल मीट पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ इसमें देशभर के कवियों व राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भागीदारी की गोष्ठी की शुरुआत बुंदेलखंड कानपुर प्रांत अध्यक्ष अजय अंजाम ने वाणी वंदना से की। इसके बाद जिला अध्यक्ष डॉ गोविंद द्विवेदी, विवेक राज बेदर्द,ललित तिवारी, इति शिवहरे, प्रशांत अवस्थी, इशांक, शशांक मिश्रा, गोपाल पांडे आजाद ने काव्य पाठ किया। हरियाणा निवासी राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ अशोक बत्रा के भगवान राम पर आधारित काव्य पाठ ने सबका मन मोह लिया पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अध्यक्ष बाराबंकी निवासी शिव कुमार व्यास ने भगवान राम को समर्पित कविता पढ़ी। इस दौरान कई बार श्रीराम के जयकारे गूंजे। राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू जगदीश मित्तल ने कहा कि जो लोग भगवान राम का काम करते हैं उन पर ईश्वर की कृपा अनायास हो जाती है। 2022 में प्रस्तावित राम वन गमन पथ काव्य यात्रा के विषय में उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कवि संगम 14 जनवरी 2022 मकर संक्रांति के दिन श्रीलंका से चलकर 1 मार्च 2022 महाशिवरात्रि के दिन तक की विराट श्रीराम वनगमन पथ अंतरराष्ट्रीय काव्ययात्रा आयोजित कर रहा है । इस विराट काव्ययात्रा में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य, राम वनगमन के 249 स्थानों के शोधकर्ता डॉ राम अवतार शर्मा तथा आदरणीय श्याम गुप्ता जी द्वारा देश भर में एक लाख से अधिक एकल विद्यालयों वाला एकल संस्थान भी सहभागी होगा। इन संस्थाओं से संबंधित हजारों कार्यकर्ता उन सभी 249 स्थानों की यात्रा करेंगे जिन पर 14 वर्षों के वनवास के दौरान श्री राम लक्ष्मण और जानकी ने यात्रा की थी । इन संस्थाओं का उद्देश्य श्रीराम के काम आए वनबंधुओं के वंशजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। इस दौरान राम जन्मभूमि अयोध्या की पावन रज सभी स्थानों पर स्थापित की जाएगी तथा गाँवों की मिट्टी अयोध्या मंदिर में स्थापित की जाएगी । मुख्य यात्रा श्रीलंका, रामेश्वरम, पंचवटी, किष्किंधा, चित्रकूट आदि 40 प्रमुख स्थानों से होती हुई अयोध्या पहुंचेगी, जहाँ 130 घंटों का अखंड काव्यपाठ होगा जिसमें देश के सभी प्रांतों और भाषाओं के कवियों के साथ विश्व के 20 से अधिक देशों के रामभक्त कवि भी अपना-अपना काव्यपाठ प्रस्तुत करेंगे । इस अभूतपूर्व योजना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री इंद्रेश जी, परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष मुनि चिदानंद जी, वीर रस के सर्वोच्च कवि डॉ हरिओम पँवार के साथ- साथ सभी रामभक्त देशवासियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।