बुधवार को भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती भारतीय जन महासभा के लोगों के द्वारा देश-विदेश के अनेक स्थानों पर मनाई गई।
इस शुभ अवसर पर संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि महामना के द्वारा किए गए सत्कर्मों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने गंगा महासभा अखिल भारत हिंदू महासभा, बनारस हिंदू काशी विश्वविद्यालय की स्थापना की। महामना मालवीय जी के महान प्रयासों से 18 – 19 दिसंबर 1916 को देश भर के हिंदू प्रतिनिधियों तथा भारत सरकार के मध्य समझौता हुआ था कि “गंगा की अविरल अविच्छिन्न धारा कभी भी रोकी नहीं जाएगी।” (1916 का समझौता अनुच्छेद 32 भाग !) और “इसके विपरीत कोई भी कदम हिंदू समाज से पूर्व परामर्श के बिना नहीं उठाया जाएगा।” ( 1916 का समझौता अनुच्छेद 32 भाग !!)
यह समझौता भारत के वर्तमान संविधान की धारा 363 के अनुसार आज भी प्रभावी है।
जयंती मनाने वालों में मुख्य रूप से श्री पोद्दार के अलावे बिदेह नंदिनी चौधरी, शिवात्मा तिवारी, पुष्पेंद्र सिसोदिया, मधु सिन्हा, डॉ आर.एस. अग्रवाल, सुखेन मुखोपाध्याय, मेघाश्री मुखोपाध्याय, ओम प्रकाश अग्रवाल, ओस पोद्दार, नभ्य पोद्दार (लिटिल), बिजन मंडल, रवि शंकर झा, अंतर्यामी पांडा, अनीता झालीवाल, भाव्यांश, निखिल एवं प्रायू के नाम सम्मिलित है।