भारत गांवों का देश है और गांव संस्कृति की जननी हैं। भगवान श्रीराम ने भी कहा है “जननी जन्मभूमिश्च ,स्वर्गादपि गरियसि” इस कहावत को गाजीपुर जनपद के सेंवराई तहसील का अमौरा गांव सिद्ध करने वाला गांव है। अमौरा गांव में इस वर्ष सर्वप्रथम श्रीरामनवमी मेले का आयोजन किया गया। पूरे नौ दिन तक काली मंदिर के प्रांगण में दुर्गासप्तशती के पाठ का आयोजन किया गया।रामनवमी के दिन हवन पूजन के पश्चात नव कन्याओं का पूजन किया गया।
भगवान श्रीराम की जन्म आरती की गई। पूरे मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया। संध्या बेला में क्षेत्रीय गायकों ने चैता गायन के माध्यम से भक्तों को आत्मविभोर किया। हजारों की संख्या में अमौरा एवं अन्य गांवों के स्त्री-पुरुष, बच्चे लोग मेला देखने के लिये आये। कार्यक्रम का आयोजन मां काली रामनवमी मेला समिति अमौरा द्वारा किया गया था। क्षेत्र के लगभग सभी ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया। अमौरा गांव सामाजिक समरसता का जितना जागता प्रमाण है। कार्यक्रम को लेकर ग्राम वासियों और क्षेत्रवासियों में काफी उत्साह देखने को मिला। गांव के सभी लोगों ने जाति, धर्म से उपर उठकर कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।