प्रयागराज में राहत की उम्मीद लगाए गंगा किनारे रहने वालों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। गंगा का जलस्तर ढाई मिमी प्रति घंटा की गति से घट रहा है। नैनी में यमुना दोपहर से रात तक स्थिर रहीं। गंगा के धीमी गति से घटने और यमुना के स्थिर होने से एकबार फिर जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। शाम को फाफामऊ और छतनाग में गंगा और नैनी में यमुना का जलस्तर स्थिर रहा। अब जलस्तर बढ़ा तो गंगा-यमुना 84.50 मीटर तक पहुंच सकती हैं। अभी तक गंगा पर यमुना दबाव बना रही थीं। इस बार टोंस ने गंगा-यमुना के प्रवाह को प्रभावित किया है।
अदवा बैराज से 43 हजार और मेजा बैराज से 17 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से टोंस का वेग बढ़ा तो छतनाग में गंगा का प्रवाह प्रभावित हो गया है। दोपहर 12 बजे छतनाग में गंगा के स्थिर होने के बाद शाम चार बजे नैनी में यमुना और फिर बक्शी बांध, फाफामऊ पर धीमी गति से घटता जलस्तर भी स्थिर हो गया। शाम चार बजे से रात आठ बजे के बीच फाफामऊ और छतनाग में गंगा ढाई मिमी प्रति घंटा की गति से बढ़ रही थीं।
वहीं नैनी में यमुना स्थिर थीं। सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि प्रयागराज के अलावा गंगा और यमुना के प्रवाह क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। गंगा में कानपुर बैराज से पानी का डिस्चार्ज निरंतर बढ़ रहा है। यमुना की सहायक केन नदी में बढ़ोतरी हो रही। इससे गंगा-यमुना का जलस्तर घटने की जगहबढ़सकताहै।
गंगा-यमुना के प्रवाह क्षेत्र में हो रही बारिश खतरे का कारण बन सकती है। गंगा के प्रवाह क्षेत्र के कानपुर में मंगलवार को 110 मिमी, डलमऊ 26 मिमी, अंकिघाट में 89 मिमी बारिश हुई। इसी प्रकार यमुना के प्रवाह क्षेत्र इटावा में 125.4 मिमी, औरैया में 125 मिमी, हमीरपुर में 137.4 मिमी, चिल्लाघाट में 155 मिमी बारिश हुई है।
गंगा-यमुना का जलस्तर
- फाफामऊ गंगा 83.76 मीटर
- छतनाग गंगा 82.63 मीटर
- नैनी यमुना 83.04 मीटर
(आंकड़े बुधवार रात आठ बजे के हैं)
कानपुर से गंगा में छोड़ा गया 3.46 लाख क्यूसेक पानी
कानपुर बैराज से बुधवार को गंगा में तीन लाख 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मंगलवार को दो लाख 96 हजार 693 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे पहले सोमवार को दो लाख 69 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। चर्चा है कि एक-दो दिन में कानपुर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जाएगा।
साभार : हिन्दुस्तान