चमोली। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद से 202 लोग लापता हैं। जबकि आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा मे पानी के बढ़ाव के मद्देनजर कानपुर सहित अन्य जनपदों के प्रशासन को हाई एलर्ट कर दिया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एक बार फिर चमोली के आपदाग्रस्त इलाके का दौरे पर हैं। सचिवालय में आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत और बचाव कार्यों की स्थिति की जानकारी लेने के बाद उन्होंने बताया कि इस घटना में ग्लेशियर फटने जैसे स्थिति नहीं लग रही है. हालांकि घटना की वजह क्या रही है इसको लगातार जांच की जा रही है. राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कर्मचारियों को जरूरत का सामान और खाद्य सामग्री पहुंचाई गई है. साथ ही राहत बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिये हैं कि आपदा प्रभावित इलाकों का सर्वे कराया जाए और वहां एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की जाएं. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उनके संपर्क में हैं और आज फिर से पीएम ने उनसे बात कर घटना की जानकारी ली है।बता दें कि इस आपदा में अब तक 19 शव बरामद कर लिए गए हैं.।जबकि 202 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और आर्मी की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं. जबकि संपर्क से कट गए 13 गांवों में हैलीकॉटर की मदद से राशन, दवाइयां तथा अन्य राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
चमोली आपदा में अपडेट
आपदा के बाद रेस्क्यू में लगभग 202 लोग अभी भी लापता हैं जिनमें रैणी गांव 2, करछो 2, तपोवन ऋषित्व कंपनी 121 , रिंगी गांव 2, ऋषि गंगा कंपनी 46, ओम मेटल कंपनी 21, एचसीसी 3 , तपोवन गांव के 2 लोग लापता हैं। टनल में 25 से 35 लोग के फंसे होने की संभावना है जबकि बारह लोग सुरक्षित बचाये गये। छ:लोगों के घायल होने की सूचना है जबकि पांच पुल नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए हैं।