मामला महाकाल की नगरी उज्जैन का
उज्जैन । एक तरफ देश भर के किसान केन्द्र सरकार के द्वारा लाये गये कृषि बिल को लेकर आन्दोलनरत हैं वही महाकाल की नगरी स्थित कृषि मंडी में सरकारी गेहूं सड़ रहा है जिसका कोई पुरसाहाल नहीं है। खुद सरकारी अमला इसे उठाने में रुचि नहीं ले रहा।
मामला उन्हेल कृषि उपज मंडी की है जहां गेहूं सड़ा हुआ है लेकिन उठाने वाला कोई नहीं मंडी सचिव मनोज खींची द्वारा बताया गया कि खाद आपूर्ति निगम कलेक्टर उन्हेल अपर तहसीलदार अनु जैन आदि को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। लगभग 8 महीने बीतने के बाद भी मंडी के आंगन में पड़े सड़ा गेहूं अभी तक नहीं उठाया गया।
कोई अधिकारी इस चीज को लेकर अमल नहीं कर रहे हैं उन्हेल के समीप हताई पालकी में चौपाल में इस मामले से कलेक्टर को अवगत कराया गया तो उन्होनें उन्हेल कृषि उपज मंडी में सड़े हुए गेहूं के लिए अवगत कराया था तो उन्होंने आश्वासन दिया था की जल्द ही इस पर कारवाई की जाएगी लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई देश में कोराना जैसी महामारी बीमारी चल रही है वहा काम करने वाले मजदूर व किसान सड़े हुए गेहूं बदबू मारते हैं जिससे इस रास्ते गुजरने वालों को परेशानी हो रही है वहीं सरकारी कर्मचारियों की उदासीन रवैये की चर्चा खूब हो रही है।
( उन्हेल से अनिल कपासिया की रिपोर्ट)