भारत प्राइम की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया. बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में सुशील मोदी एक थे. वह 72 वर्ष के थे और कैंसर से पीड़ित थे. बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने X पर पोस्ट करके उनके निधन की जानकारी दी, साथ ही दुख भी जताया. उन्होंने लिखा कि ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि. यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है.’ प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित देश के बड़े राजनीतिक दलों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने का सिलसिला जारी है।
पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। वे… pic.twitter.com/160Bfbt72n
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2024
बिहार में सियासी ‘जय-वीरू’ की राहें अब अलग-अलग हो गई हैं, दुख की बात यह है कि अब कोई कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन अब दो जिगरी यार कभी भी एक दूसरे से नहीं मिल पाएंगे। बिहार के दो जिगरी यार की दोस्ती में कैंसर विलेन बनकर आ गया है। जी हां! आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं। हम बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की दोस्ती की कर रहे हैं। सुशील मोदी कैंसर से लड़ते-लड़ते दुनिया से विदा हो गए, इसलिए नीतीश कुमार अब चाह कर भी उनसे नहीं पाएंगे।।
ना केवल बिहार बल्कि देश की राजनीति में नीतीश कुमार और सुशील मोदी की दोस्ती की मिसाल दी जाती रही है। सुशील मोदी के न रहने पर नीतीश कुमार खुद को अधूरा महसूस करते रहेंगे। पिछले दिनों जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ा तो उन्होंने कहा था कि सुशील मोदी होते तो यह नौबत ही नहीं आती। दरअसल, नीतीश और सुशील मोदी जेपी आंदोलन से जुड़े नेता रहे हैं और एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। यही वजह है कि राजनीतिक माहौल में भी यह रिश्ता बना रहा।