विधि पूर्वक बंद हुआ बद्रीनाथ धाम कपाट
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार
घृतकम्बल हेतु ज्योतिर्मठ की ओर से 235 वर्ष पुरानी परम्परा की पुनः शुरुआत की 1787 के बाद आज पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज ने आज भगवान बदरीविशाल के शीतकालीन कपाट बन्द होते समय भगवान के विग्रह को घृत कम्बल हेतु शुद्ध गाय का घृत प्रदान किया गया है । मन्दिर के प्रशासक राजू चौहान ज को ये घृत ब्रह्मचारी सहजानन्द और मुकुन्दानन्द द्वारा ये समर्पित किया गया। तत्पश्चात दोपहर बाद निर्धारित समय पर शंकराचार्य की उपस्थिति में तीन बजकर पैतीस मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बन्द कर दिया गया। उक्त पल के साक्षी हजारों की संख्या में लोग उपस्थित लोग रहे।
ज्योतिष्पीठ के इतिहास में लंबे समय के बाद पहली बार पीठ के शंकराचार्य के रूप में स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपराओं का निर्वहन करते हुए बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज की किए ।
उल्लेखनीय है कि सन् 1776 में किन्ही कारणों से ज्योतिष्पीठ आचार्य विहीन हो गई थी , उसके बाद से यह परंपरा टूट गई थी । लेकिन पूर्वाचार्यों की कृपा से वर्तमान ज्योतिष्पीठ के 46वें शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती की महाराज ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य पर अभिषिक्त होने के बाद एक बार फिर से आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपरा प्रारंभ हुई है। इसको लेकर सनातन धर्मावलंबियों में खासा उत्साह और खुशी है ।
इस अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रवीन्द्र भट्ट,स्वामी रामानन्द,सहजानन्द ब्रह्मचारी, केशवानन्द, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी, मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय,मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, सुनील तिवारी, राजू चौहान,गिरीश चौहान, भुवनचन्द्र उनियाल, शिवानन्द उनियाल,ऋषि सती, मनीषमणि त्रिपाठी, कमलेश कुकरेती, पवन मिश्र, पवन डिमरी, प्रवेश डिमरी, श्रीराम आदि हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे ।
जय बदरी विशाल 🙏 pic.twitter.com/NYiMdRYr61
— Shri Badarinath -Kedarnath Temple Committee #BKTC (@BKTC_UK) November 19, 2022
उक्त जानकारी ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के मीडिया प्रभारी डाक्टर शैलेन्द्र योगी उर्फ योगीराज सरकार ने दी।