बांग्लादेश में चुनाव की घोषणा के बाद शेख़ हसीना वापस लौटेंगी और उनकी पार्टी फिर से चुनाव लड़ेगी। उनके बेटे ने कहा है कि अंतरिम सरकार जब चुनाव की घोषणा करेगी तो उनकी माँ वापस लौटेंगी। आगे यह भी कहा है कि उनकी माँ ने तकनीकी तौर पर अभी भी इस्तीफ़ा नहीं दिया है और वहीं बांग्लादेश की वास्तविक संवैधानिक प्रधानमंत्री हैं।
कुछ दिन पूर्व उनके बेटे ने कहा था कि उनका परिवार कभी भी वापस बांग्लादेश नहीं लौटेगा। लेकिन भारत सरकार ने जिस तरह से शेख़ हसीना के मामले के अपना रुख़ दिखाया है, उससे पार्टी और परिवार दोनों का विश्वास बढ़ा है। शेख़ हसीना के महत्व को दिखाने के लिए भारत सरकार ने उनके आगमन के समय सुरक्षा के दो राफ़ेल विमान तैनात कर दिये थे और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बावजूद उनकी अगवानी में तमाम बड़े अधिकारी भेजे गये थे।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश के नवनियुक्त प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री कहने और मानने से इनकार कर दिया और शुभकामना में इन शब्दों से परहेज़ किया। हिंदुओं पर हो रहे हमले पर भी प्रधानमंत्री ने अपना मंतव्य स्पष्ट किया।
विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री से बातचीत की है लेकिन बातचीत किस बात को लेकर हुई है, यह अस्पष्ट है। हालाँकि बातचीत के तुरंत बाद शेख़ हसीना परिवार में लौटे आत्मविश्वास को देखकर स्पष्ट हो रहा है कि भारत सरकार ने संभवतः ब्रिटेन को स्पष्ट कर दिया है कि वह उसके प्रयासों से बांग्लादेश में अमेरिका का एयरबेस नहीं बनने देगा। धीरे धीरे यह भी संभावना बन रही है कि शायद अब शेख़ हसीना फ़िनलैंड अथवा ब्रिटेन के बजाय भारत में ही रहें।