पेश की दुःख की घड़ी में इंसानियत की मिसाल
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार
दिल्ली। हर व्यक्ति के जीवन में सुख व दुःख के पल आते ही रहते हैं, सुख तो अक्सर व्यक्ति के पास मेला लगा रहता है लेकिन आज के व्यवसायिक दौर में दुःख में व्यक्ति अक्सर अकेला खड़ा रह जाता है, ऐसे विकट समय में समाजसेवी संतदेव चौहान उम्मीद की किरण बनकर लोगों की मदद की पहल करते हैं। आज दिनांक 29.06.2023 को सुबह कुमारी निशा ने जब अपने पिता श्री महेश प्रसाद के देहांत की दुखद खबर समाजसेवी संतदेव चौहान को देते हुए अनुरोध किया कि उनके पिता के शव को उनके घर तक भेजवाने में वह उनकी मदद करें। तो संतदेव चौहान ने ईद का अवकाश होने के बाद भी तत्काल अस्पताल जाकर उनके पिता का शव गाजियाबाद एंबुलेंस के द्वारा अपने खर्चे से भेजवाने का बंदोबस्त करवाते हुए और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।
पिछले हफ्ते महेश प्रसाद की तबियत खराब हुई और इनके रिश्तेदार संतराज चौहान ने समाजसेवी संतदेव चौहान के सहयोग से उन्हें एम्स में भर्ती करवाया था। यहां आपको बता दें कि संतराज गांव एमिलिया जिला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं जो कि गाजियाबाद में LIC का काम करते है और महेश प्रसाद के रिश्तेदार हैं। श्री संतदेव चौहान एम्स में कार्यरत हैं और एक प्रतिष्ठित समाजसेवी हैं। संतदेव जी अब तक सैकड़ों शव, जिनकी एम्स में इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है उन्हें अपने खर्चे से उनके घर भेजवाने का पुण्य काम करते रहे हैं जिनमें से अधिकतर लोग पूर्वांचल के रहने वाले होते हैं क्योंकि श्री संतदेव चौहान जी भी बहादुरपुर पोस्ट दोहरीघाट जिला मऊ उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं ।