महाशिवरात्रि अद्भुत योग
संकलन : पंडित भानू प्रताप चतुर्वेदी
महाशिवरात्रि पर बना है यह अद्भुत संयोग, शिव भक्तों पर होगी विशेष कृपा । महाशिवराठत्रि का त्योहार इस बार एक साथ कई शुभ योग के बीच में मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग समेत 4 शुभ एक साथ बन रहे हैं और इस दिन की पूजा बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जा रही है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से आपको सभी सुखों की प्राप्ति होती हैं। आपके जीवन से कष्ट और समस्याएं दूर होती हैं और शिव कृपा से सभी इच्छित कार्य पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं शिवरात्रि पर कौन-कौन से शुभ योग बने हैं।
महाशिवरात्रि इस साल 8 मार्च, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग एक साथ बने हैं। इसलिए इस साल यह त्योहार बहुत ही शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल की महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई बेहद शुभ योग के बीच में मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की वैवाहिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि जो लोग विवाहित हैं उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ इस दिन पूरे विधि विधान से शिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा कौन-कौन से शुभ मुहूर्त बने हैं और इनका क्या महत्व है।
महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि जैसे महापर्व का होना शिवजी की विशेष कृपा देने वाला माना जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि का व्रत करने और पूजा करने से आपको हर कार्य में मनचाही सफलता प्राप्त होगी और आपके काम बिना किसी बाधा के पूर्ण होंगे। आपके शिवजी की कृपा से सभी रुके कार्य पूर्ण होंगे और कारोबार में सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा खास बात यह है कि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार को होने से इसका शुभ प्रभाव और भी बढ़ जाता है। इस साल शिवरात्रि आपके भौतिक सुखों में वृद्धि करने वाली मानी जा रही है।
महाशिवरात्रि पर शिव योग
महाशिवरात्रि पर शिव योग का संयोग भी बना है। शिव योग साधना, मंत्र, जप और तप के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इस योग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव तक आपकी प्रार्थना शीघ्र ही पहुंच जाती है। महाशिवरात्रि के दिन शुभ योग होने से आपकी साधना पूर्ण होती है और आपको भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है
महाशिवरात्रि पर सिद्धि योग
महाशिवरात्रि पर निशीत काल की पूजा के वक्त सिद्धि योग होगा और इस काल में शिव साधना का संपूर्ण फल आपको प्राप्त होता है। इस योग में शिव पूजा के लिए किए जाने वाले सभी उपाय बहुत ही असरदार माने जाते हैं और भोले बाबा बहुत जल्द आपसे प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण करते हैं। आपके सुख में वृद्धि होती है और सभी कार्य सरलता से पूर्ण हो जाते हैं।
महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र
महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र के होने यह दिन और भी शुभफलदायी बन गया है। श्रवण नक्षत्र के स्वामी शनिदेव माने जाते हैं जो कि शिवजी के परम भक्त हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र होने से यह व्रत और भी परमफलदायी हो गया है। श्रवण नक्षत्र में शिव पूजा करने से आपको शिवजी की कृपा का लाभ बहुत ही जल्द देखने को मिलता है।
जल से अभिषेक
- हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव का जल से अभिषेक करें
- भगवान शिव के बाल स्वरूप का मानसिक ध्यान करें
- ताम्बे के पात्र में ‘शुद्ध जल’ भर कर पात्र पर कुमकुम का तिलक करें
- ॐ इन्द्राय नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
- पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें
- शिवलिंग पर जल की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें
- अभिषेक करेत हुए ॐ तं त्रिलोकीनाथाय स्वाहा मंत्र का जाप करें
- शिवलिंग को वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें
2) दूध से अभिषेक
- शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें
- भगवान शिव के ‘प्रकाशमय’ स्वरूप का मानसिक ध्यान करें
- ताम्बे के पात्र में ‘दूध’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें
- ॐ श्री कामधेनवे नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
- पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय’ का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें
- शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें.
- अभिषेक करते हुए ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम: मंत्र का जाप करें
- शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें
3) फलों का रस
- अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक करें
- भगवान शिव के ‘नील कंठ’ स्वरूप का मानसिक ध्यान करें
- ताम्बे के पात्र में ‘गन्ने का रस’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें
- ॐ कुबेराय नम: का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें
- पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें
- शिवलिंग पर फलों का रस की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें
- अभिषेक करते हुए -ॐ ह्रुं नीलकंठाय स्वाहा मंत्र का जाप करें
- शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें।