विशेष संवाददाता
कुंभ नगर, प्रयागराज।
संस्कृति पर्व का 35वाँ अंक इस माह 16 फरवरी को प्रकाशित हो रहा है। यह अंक भी कुंभ पर ही केंद्रित है किंतु इसके विषय नितांत वर्तमान से जुड़े हैं। इसका लोकार्पण भी कुंभ नगर, प्रयागराज में 19 फरवरी को होने जा रहा है।
आस्था, श्रद्धा और विश्वास का सनातन कुंभ शीर्षक से प्रकाशित हो रहे इस विशेष अंक में अनेक विशिष्ट विषय समाहित किए जा रहे हैं। इस बारे में पत्रिका के सह संपादक और काशी विद्वत्परिषद तथा गंगा महासभा के संगठन मंत्री आचार्य गोविंद शर्मा ने बताया कि इस अंक की विशेषता यह है कि कुंभ 2025 के लगभग सभी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और लोकपक्ष के आलेख इसमें प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
इसको कुछ विषयों के उदाहरण से स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।
1. राज व्यवस्था संचालन के लिए नीति निर्देशक स्थल तीर्थराज प्रयाग
( श्री राम से अब तक)
2. तीर्थराज प्रयाग: आस्था, श्रद्धा और विश्वास का केंद्र
3. सृष्टि, प्रकृति और संस्कृति
4.लोक आस्था पर विकृतियों का प्रभाव
5. नदी, धारा, स्नान और पर्यावरण
6. स्नान की तिथियों का शास्त्रीय महत्व
7. सनातन आस्था के साथ कुंभ का अर्थ तंत्र
8. प्रमुख राजपुरूषों का कुंभ स्नान
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिवेणी यात्रा
10. महाकुंभ 2025: परिदृश्य और प्रभाव
12. महाकुंभ 2025: लोक आस्था को प्रभावी बनाती नारी शक्ति
13. महाकुंभ 2025: वैश्विक प्रभाव
14. विश्व पटल पर सनातन भारत का उभार और इसका प्रभाव
आचार्य शर्मा ने बताया कि इन बिंदुओं के अतिरिक्त भी अनेक विषय इस अंक में समाहित किया गया है। इसका लोकार्पण गंगामहसभा के मंच से होना सुनिश्चित किया गया है। लोकार्पण के समय अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद जी सरस्वती, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी जी महानिर्वाणी के साथ अनेक संत, महामंडलेश्वर और विद्वत समूह की उपस्थिति होनी है।