समलैंगिक सौरभ कृपाल पूर्व सीजेआई बी.एन.कृपाल के हैं पुत्र
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिेश दोहराते हुए केंद्र को सिफारिश भेजा है। कॉलेजियम का कहना है कि हर एक व्यक्ति को अपने मन मुताबिक सेक्सुअल ओरिएंटेशन रखने का अधिकार हासिल है. सौरभ कृपाल के अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर खुलेपन के चलते उनकी जज के तौर पर उम्मीदवारी को खारिज नहीं किया जा सकता. इसके अलावा कॉलेजियम ने कहा कि सौरभ कृपाल का व्यवहार हमेशा उत्कृष्ट रहा है और जज के तौर पर उनकी नियुक्ति बेंच में विविधता को बढ़ाएगी।
कॉलेजियम का ये भी कहना सवैंधानिक पदों पर मौजूद बहुत से लोगों के पार्टनर विदेशी नागरिक रहे है. ऐसे में विदेशी पार्टनर होने की वजह से उनका नाम खारिज करने का कोई औचित्य नहीं है. बता दें कि पूर्व CJI बीएन कृपाल के बेटे सौरभ कृपाल गे( समलैंगिक हैं) और उनके पार्टनर स्विस नागरिक हैं. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सौरभ कृपाल की नियुक्ति का प्रस्ताव पांच साल से अधिक समय से लंबित है, जिसपर तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही सौरभ कृपाल के नाम की सिफारिश को नामंजूर कर चुकी है. मौजूदा नियम के मुताबिक सरकार कॉलिजियम की सिफारिश को केवल एक बार नकार सकती है. कॉलेजियम ने दूसरी बार सिफारिश भेजी है तो सरकार के पास उसे मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हालांकि उस सिफारिश को लंबे समय तक के लिए लटकाया जा सकता है. सौरभ कृपाल को साल 2017 से ही दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने का प्रयास जारी है।( स्रोत : न्यूज 18)