Saturday, April 19, 2025
spot_img
HomeUttar PradeshGhazipurवैदिक मंत्रों में छिपी अपार शक्तियां आज भी प्रभावी :महामण्डलेश्वर स्वामी भवानी...

वैदिक मंत्रों में छिपी अपार शक्तियां आज भी प्रभावी :महामण्डलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति

वैदिक मंत्रों में छिपी अपार शक्तियां आज भी प्रभावी :महामण्डलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति
गाजीपुर‌। वासंतिक नवरात्र के शुभ अवसर पर अति प्राचीन मां काली धाम परिसर हरिहरपुर में शत चण्डी महायज्ञ, वैदिक धर्माचार्यों के मंत्रोच्चार एवं हवन पूजन के बीच विधि विधान से सम्पादित हो रहा है। वैदिक मंत्रोच्चार व हवन पूजन की सुगंध से पूरा क्षेत्र भक्ति भाव से ओतप्रोत है‌। प्रातः काल से ही श्रद्धालु जन मंदिर में स्थापित माता की तीनों मूर्तियां का पूजन अर्चन तथा यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर अपने को धन्य कर रहे हैं।
प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा के रूप में संचालित इस पवित्र धाम पर,प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाठाधीश्‍वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्‍वामी श्री भवानीनंदन यति जी महाराज के निर्देशन में सम्पादित हो रहे महायज्ञ के मुख्य यजमान अस्ट्रेलिया में रहे प्रसिद्ध अस्थि विशेषज्ञ
डॉक्टर सतीश गोयल एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विद्या गोयल इस महायज्ञ के मुख्य यजमान हैं।
वासंतिक नवरात्र की सप्तमी के शुभ अवसर पर महामंडलेश्वर स्‍वामी श्री भवानीनंदन यति जी महाराज ने हरिहरात्मक पूजनोंपरांत
पत्रकार वार्ता में हरिहरपुर धाम तथा नवरात्र की महत्ता पर प्रकाश डाला। मंदिर की प्राचीनता का उल्लेख करते हुए महाराज श्री ने कहा कि
अयोध्‍या में नवनिर्मित भव्‍य श्रीराम मंदिर की ही तरह हरिहरपुर के इस काली धाम में भी मां काली का दिव्‍य मंदिर बनेगा। खड़बा क्षेत्र के गांवों की कुल देवी का यह जागृत मन्दिर हजारो वर्ष प्राचीन है। इस मंदिर को नवीन रूप दिए जाने की कार्य योजना अब अंतिम चरण में है।
मंत्रों में स्थित शक्तियों का वर्णन करते हुए महाराज श्री ने कहा कि सनातन धर्म में ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश का पूजन किया जाता है जिसने विश्‍व की संरचना की है और वर्तमान युग में वैज्ञानिक समस्त सृष्टि को न्‍यूट्रान, प्रोट्रान और इलेक्‍ट्रान से संचालित मानते हैं।
उन्‍होने कहा कि सनातनी परम्‍परा में मंत्र की असीम शक्तियों का वर्णन है। मंत्र की साधना से आज भी असंभव कार्य संभव हो सकते हैं और
आपकी इच्‍छा की पूर्ति हो सकती है। मंत्र के बल पर ही महाराजा दशरथ ने श्रीराम जैसा पुत्र प्राप्‍त किया। श्रीराम जैसा पुत्र आज तक दूसरा नहीं हुआ‌। धन वैभव प्राप्ति के लिए उन्होंने कहा कि श्री शुक्त स्त्रोत के एक करोड़ बार जाप करने से व्‍यक्ति को कभी धन सम्‍पदा की कमी नहीं हो सकती।
अपने को पूर्ण सन्‍यासी बताते हुए कहा कि मैं सन्‍यासी परम्परा के लिए निर्धारित नियमावली के अनुरूप जीवन यापन करता हूं। मैं अत्यंत भाग्‍यशाली हूं कि गाजीपुर मेरी कर्मस्‍थली हैं।
उन्‍होने चुनौती पूर्ण शब्दों में कहा कि सरकार मुझे कोई भी मुश्किल काम सौंप दें, मैं मंत्र के बल पर सफलता पूर्वक पूर्ण करुंगा। कहा कि देश की सुख-समृद्धि के लिए मैं सदैव नवरात्र में मां काली का पूजन-अर्चन करता हूं इससे जीवन में नयी चेतना का संचार होता है।
उल्लेखनीय है कि नव सम्वत के प्रथम माह चैत्र में पड़ने वाली बासंतिक नवरात्र का जीवन में विशेष महत्व होता है। धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्र का समय मां के पूजन अर्चन हेतु बहुत ही शुभ माना जाता है। इस समय प्रकृति भी प्राकृतिक उर्जा से आह्लादित होती है। इस मौसम में वातावरण व जीवन में एक नई उर्जा का संचार होता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

10cric

https://yonorummy54.in/

https://rummyglee54.in/

https://rummyperfect54.in/

https://rummynabob54.in/

https://rummymodern54.in/

https://rummywealth54.in/

MCW Casino

JW7

Glory Casino APK

Khela88 Login